
पालघर। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा के गिरने के मामले ने राज्य और केंद्र सरकार दोनों को विपक्ष की तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। यह प्रतिमा महज 8 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी। घटना के बाद शिव भक्तों में भारी रोष फैल गया, जिसके चलते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने जनता से माफी मांगी। इस बीच, आज पीएम मोदी ने भी मराठा योद्धा शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर माफी मांगते हुए अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। पीएम मोदी ने पालघर में 76000 करोड़ के वधावन पोर्ट परियोजना का शिलान्यास करते हुए कहा छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर उनके चरणों में माफी मांगता हूं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारे संस्कार अलग हैं। हम वो लोग नहीं हैं जो भारत मां के महान सपूत, वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं होते। महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कारों को अब जान चुकी है। गौरतलब है कि इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को राजकोट किले पर नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था। 26 अगस्त को दोपहर में प्रतिमा अचानक ढह गई, जिससे सरकार के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो गया। सिंधुदुर्ग पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार युद्ध स्तर पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के लिए काम कर रही है। इसके लिए दो समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की अपील की। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी ने इस घटना के विरोध में 1 सितंबर को मुंबई में मार्च निकालने की योजना बनाई है। इस पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष को ऐसी ओछी राजनीति से बचना चाहिए। राज्य सरकार अब उसी स्थान पर मराठा राजा की एक विशाल प्रतिमा स्थापित करेगी और इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।