मुंबई। विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के बीच अनबन बढ़ती जा रही है। दोनों दलों के नेता लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारें का अपना-अपना फ़ॉर्मूला बता रहे है। हालांकि शिवसेना (यूबीटी) ने तेवर दिखाते हुए साफ कहा है कि वह राज्य की २३ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके लिए स्थानीय कांग्रेस नेताओं से नहीं, बल्कि सीधे कांग्रेस हाईकमान से बातचीत की जाएगी। दरअसल महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राज्य की २५ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। इसके बाद से ही राउत ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस को २५ नहीं बल्कि सभी ४८ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। लेकिन हम अपनी २३ सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र में कांग्रेस का कोई ऐसा नेता नहीं है, जो फैसले ले सके, जो नेता है उनके पास सीट बंटवारें पर फैसले लेने का अधिकार नहीं है। उन्हें बार-बार दिल्ली से पूछना पड़ता है। इसके बजाय, हम दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करेंगे, हमने २३ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
राज्य के कांग्रेस नेता दरकिनार?
संजय राउत ने कहा, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे जब दिल्ली गये थे। उस वक्त उनकी कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल से सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई थी। उद्धव ठाकरे के साथ मैं और आदित्य ठाकरे भी थे। हम सभी ने एक साथ बैठकर महाराष्ट्र की राजनीति और सीट आवंटन पर चर्चा की। सिर्फ हम ही जानते हैं कि उस चर्चा में क्या हुआ था. इस बैठक की जानकारी शायद ही महाराष्ट्र के किसी कांग्रेसी नेता को है। हमारी सीट बंटवारे पर चर्चा महाराष्ट्र में नहीं बल्कि दिल्ली में होगी।
वहीँ, संजय राउत के इस बयान के बाद राज्य कांग्रेस के नेता क्या प्रतिक्रिया देते है, यह देखना अहम होगा। खबर है कि कांग्रेस आलाकमान ने पहले ही महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को साफ कह दिया है कि महाराष्ट्र में सहयोगियों एमवीए (महाविकास आघाडी) और इंडिया के साथ सीट बंटवारे पर फैसले दिल्ली से ही लिए जाएंगे। एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल है। जबकि एनसीपी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।