
मुंबई। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली सीटों से एनसीपी सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। शरद पवार ने खुले शब्दों में बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि ना केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में बीजेपी और मोदी सरकार पर से लोगों का भरोसा टूट गया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव से साफ हो गया कि लोगों को अब पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं रहा। शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी का वादा झूठा निकला, गारंटी झूठी निकली। उन्होंने कहा कि भले ही केंद्र में एनडीए की सरकार बन गई लेकिन इस चुनाव में बीजेपी की बड़ी हार हुई है। शरद पवार ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भी सरकार की किरकिरी हुई थी।
जनता बदलाव चाहती है: शरद पवार
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को अच्छे वोट मिले और अच्छी सीटें भी मिलीं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि लोगों को अब मोदी सरकार पर भरोसा नहीं है। देश की आम जनता को एहसास हो चुका है कि पिछले 5-10 सालों में मोदी ने अपने वादे पूरे नहीं किए। नतीजे बताते हैं कि लोग बदलाव चाहते हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र में ऐसा नतीजा देखने को मिला। शरद पवार ने कहा कि खासतौर पर महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों में ही अगले विधानसभा चुनाव का नतीजा छुपा है। उन्होंने कहा कि एमवीए को यहां 31 सीटें मिली हैं। इस हिसाब से विधानसभा में 155 विधानसभा क्षेत्रों में हमारी जीत तय है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 155 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष के पास बहुमत इस बात का संकेत है कि प्रदेश की जनता आखिर क्या चाहती है? पवार ने यह भी कहा कि उस दिशा में कदम उठाना हमारी जिम्मेदारी है।
भुजबल से कोई संपर्क नहीं
छगन भुजबल के ताजा बयान को लेकर जब शरद पवार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं उनके बयान का बैकग्राउंड नहीं जानता। मैं उनसे एक साल या छह महीने से नहीं मिला हूं। मुझे उनके बयान के बारे में कुछ नहीं पता। उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है। खबर ये थी कि पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा के लिए नामांकन नहीं मिलने से भुजबल नाराज थे। इसके बाद उनके बयानों से नया सस्पेंस पैदा हो गया कि भुजबल का अगला कदम क्या होगा। उन्होंने कहा था कि मैं एनसीपी के साथ हूं, अजित दादा के साथ नहीं। लेकिन शरद पवार ने साफ जवाब दिया कि उनसे कोई संपर्क नहीं।