पुणे: महाराष्ट्र के पुणे शहर के विश्रांतवाडी पुलिस स्टेशन में एक 27 साल की महिला ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. यह शिकायत कोई दहेज के लिए परेशान करने या मारपीट से संबंधित नहीं है. महिला का अपने पति, सास, ससुर, देवर और मौसेरे देवर के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने उसके पीरियड्स के ब्लड को बाजार में 50 हजार रुपए में बेचा है. यह काम जादूटोना के लिए किया गया है. इस तरह महाराष्ट्र की शैक्षणिक राजधानी के तौर पर मशहूर पुणे शहर से शर्मनाक तरीके से अंधविश्वास पालने की खबर ने सबको चौंका दिया है.
आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र नरबलि और अन्य अमानवीय अघोरी और जादूटोना के खिलाफ कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. पीड़िता दो साल पहले लव मैरेज करके इस घर की बहू बनी है. तब से ही ससुराल वालों के अघोरी विद्या के चक्कर से त्रस्त होती रही है.
पीरियड्स के वक्त कॉटन से ब्लड सोख-सोख कर जमा किया, फिर बेचा
शादी के बाद से ही ससुराल वाले अंधविश्वास और जादूटोने की वजह से बहू को परेशान करते रहे. हद तब हो गई जब पीरियड्स के वक्त बहू के हाथ-पैर बांधकर उसके ब्लड्स कॉटन से सोख कर शीशी में भर कर उसे बाजार में बेचा गया. पीड़िता ने यह बात पहले अपने माता-पिता को बताई और फिर उनकी सलाह से पुलिस स्टेशन में शिकायत करने का फैसला किया.
महिला आयोग ने दी दखल, सख्त कार्रवाई के आदेश की पहल
आरोपी पति का का नाम सागर ढवले, सास का नाम अनिता ढवले, ससुर का नाम बाबासाहेब ढवले, देवर का नाम दीपक ढवले, मौसेरे देवर का नाम विशाल तुपे, भतीजे का नाम रोहन मिसाल और म्हाधू कथले है. इस मामले में महिला आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर ने इस घटना को वीभत्व और विकृत मानसिकता से भरा कृत्य बताया और जल्द और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
इससे पहले भी जादू टोना के कुछ मामले में पुणे में सामने आ चुके हैं. पुलिस और महिला आयोग ने सामाजिक संगठनों से भी अपील की है कि कानून तो अपना काम करेगा ही, लेकिन ऐसे मामलों में वे भी पहल करें और इन अघोरी प्रथाओं और अंधविश्वास के खिलाफ समाज को जागरूक करे.