मुंबई (Rules of worship of Hanuman ji): शास्त्र के अनुसार मंगलवार और शनिवार का दिन बजरंगबली को समर्पित है। इस दिन लोग हनुमानजी की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि हनुमानजी की पूजा करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि और कुशाग्रता की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है, इसीलिए हनुमानजी को संकटमोचन भी कहा जाता है।
हनुमान जी की पूजा अक्सर पुरुष ही करते हैं क्योंकि हनुमान जी अखंड ब्रह्मचारी और महान योगी हैं इसलिए उनकी किसी भी पूजा में ब्रह्मचर्य के नियम का ध्यान रखा जाता है लेकिन महिलाएं भी हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं। हालांकि, महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
हनुमानजी की पूजा करते समय महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए
-शास्त्र के अनुसार हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं इसलिए महिलाओं को उनकी मूर्ति को छुए बिना ही उनकी पूजा करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार महिलाएं हनुमानजी की पूजा करते समय बजरंगबली को जनेऊ नहीं चढ़ा सकतीं।
शास्त्रों के अनुसार महिला और पुरुष दोनों को हनुमानजी के सामने दीपक जलाने के लिए लाल रुई की बाती का इस्तेमाल करना चाहिए।
-शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी की पूजा करते समय महिलाओं को बजरंगबली को अपने हाथों से सिन्दूर नहीं चढ़ाना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को हनुमानजी की पूजा करते समय बजरंगबाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को हनुमानजी की पूजा करते समय बजरंगबली को आसन नहीं देना चाहिए।
-शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी की पूजा करते समय महिलाओं को बजरंगबली को चोला भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को हनुमानजी की पूजा करते समय उनके सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए। वे केवल हाथ जोड़कर ही प्रणाम कर सकते हैं।’ दरअसल हनुमान जी सभी स्त्रियों को मां मानते हैं और नहीं चाहते कि कोई भी स्त्री उनके सामने झुके।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई महिला हनुमानजी का व्रत रखती है और उसे बीच में ही मासिक धर्म आ जाए तो अनुष्ठान बाधित हो जाता है, इसलिए महिलाओं को हनुमानजी का व्रत करने से मना किया जाता है।