
पटना:(Patna) नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसको लेकर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा विधायक और एमएलसी ने शुक्रवार को नीतीश के उद्घाटन किए शिलापट्टों को दिखाकर बिहार विधानमंडल के परिसर में धरना-प्रदर्शन किया।
भाजपा नेता विधान मंडल में घूम-घूमकर उन जगहों के शिलापट्ट दिखा रहे हैं, जहां राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री का नाम है। भाजपा ने पूछा कि बिहार विधानसभा के एक्सटेंशन भवन का उद्धाटन नीतीश कुमार ने क्यों किया, राज्यपाल से क्यों नहीं करवाया। बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। नीतीश सरकार दोहरी नीति से चल रही है। हमने आज दिखाया है कि कई शिलापट्टों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम है, राज्यपाल का नहीं।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जब विधानमंडल में नवनिर्मित भवन का उद्घाटन हुआ था तो तत्कालीन राज्यपाल अनुसूचित जाति के रामनाथ कोविंद थे, जो बाद में देश के राष्ट्रपति बने। उन्हें नीतीश सरकार ने सम्मान नहीं दिया। विधानसभा के एक्सटेंशन भवन का खुद उद्घाटन किया, उनसे क्यों नहीं करवाया।
उल्लेखनीय है कि देश में कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।