Mumbai: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह धनशोधन मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को एक मार्च तक गिरफ्तार नहीं करेगी। न्यायमूर्ति पी डी नायक और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ ने ईडी का बयान स्वीकार कर लिया और इस मामले के खिलाफ वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख एक मार्च तय की। खंडपीठ ने ईडी को उसी दिन ईसीआईआर (शिकायत) की प्रति पेश करने का निर्देश दिया। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए वानखेड़े के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था। सीबीआई की यह प्राथमिकी मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के लिए सुपरस्टार (शाहरूख) के परिवार से कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने से संबंधित है। इस माह के प्रारंभ में वानखेड़े ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ईडी का यह मामला खारिज करने का अनुरोध किया था। उन्होंने उच्च न्यायालय से ईडी को उनके खिलाफ जबरन कार्रवाई करने से रोकने तथा जांच पर स्थगन लगाने का अंतरिम आदेश जारी करने की भी गुजारिश की थी। ईडी ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह 20 फरवरी तक वानखेड़े को गिरफ्तार नहीं करेगी। आर्यन खान को दो अक्टूबर, 2021 को कोरडेलिया क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ की कथित बरामदगी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में एनसीबी ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया लेकिन आर्यन को क्लीनचिट दे दी।
इस बहुचर्चित मामले में तब एक नया मोड़ आया जब एक ‘स्वतंत्र चश्मदीद गवाह’ ने दावा किया कि आर्यन खान को इस मामले में छोड़ देने के लिए एक एनसीबी अधिकारी एवं अन्य द्वारा 25 करोड़ रुपये मांगे गये थे। बाद में एनसीबी ने वानखेड़े एवं अन्य के खिलाफ अंदरूनी सतर्कता जांच की तथा जांच के निष्कर्ष सीबीआई को सौंपे। फिर सीबीआई ने वानखेड़े के विरूद्ध मामला दर्ज किया।