८.५ लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार, मास्टर माइंड कदम पर कब होगी कार्रवाई?
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एच/पश्चिम विभाग में भ्रष्ट पदनिर्देशित अधिकारी मिलिंद कदम के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध निर्माणों से वसूली की खबर को दैनिक स्वर्णिम प्रदेश ने पहले ही प्रकाशित किया था। जो सच साबित हुई हैं। बीएमसी एच पश्चिम में पदनिर्देशित अधिकारी मिलिंद कदम अवैध निर्माणों को नोटिस देकर कार्रवाई का डर दिखकर अपने कनिष्ठ, दुय्यम अभियंताओं के जरिये वसूली करवाता हैं। जिसके तहत ७ फरवरी २०२३ यानी मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने दुय्यम अभियंता मोहन रामू राठोड़ सहित दो को ८.५ लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया हैं। मिली जानकारी के अनुसार बीएमसी एच/पश्चिम के बांद्रा पश्चिम स्थित चैपल रोड परिसर में दो मंजिला बने अवैध निर्माण को नोटिस देकर तोड़क कार्रवाई का डर दिखा कर अवैध निर्माणकर्ता से १५ लाख की रिश्वत दुय्यम अभियंता मोहन राठोड़ ने मांगी थी। और ८.५ लाख में बात बनी। लेकिन दुय्यम अभियंता मोहन राठोड़ को रिश्वत देने की इच्छा निर्माणकर्ता को नही थी। और निर्माणकर्ता भ्रष्ट व रिश्वतखोर दुय्यम अभियंता मोहन राठोड़ को रिश्वत न देते हुए इसकी शिकायत एसीबी से की, जिसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछा कर दुय्यम अभियंता मोहन राठोड़ के साथ-साथ एक निजी व्यक्ति मोहम्मद शोएब मोहम्मद रजा खान को गिरफ्तार किया हैं। ज्ञात हो कि बीएमसी एच/पश्चिम के मुकादम तुषार संखे पर २४ जनवरी २०२३ को एसीबी ने मामला दर्ज किया हैं। हालांकि इन सब के पीछे का मास्टर माइंड पदनिर्देशित अधिकारी मिलिंद कदम जो आज भी एसीबी व बीएमसी विजिलेंस विभाग की गिरफ्त से बाहर हैं। जबकि नोटिस जारी करने वाला यही हैं और कार्रवाई न कर वसूली का काला कारोबार सालो से चला रहा हैं हर अवैध निर्माणकर्ता शिकायत नहीं करता, क्योंकि अवैध निर्माण करना एक प्रकार से अपराध करता हैं। जिसके चलते मिलिंद कदम जैसे रिश्वतखोर अधिकारी अपनी लूट की दुकान चला रहे हैं। और सरकारी चोला पहनकर सरकार को चुना लगा रहे है। अवैध निर्माणों को नोटिस देकर वसूली में सहायक आयुक्त व उपायुक्त सबका शेयर होता है। जिसके चलते वार्डो में बैठे अधिकारी बेखौफ वसूली कर रहे है।
बता दें कि मिलिंद कदम की रिश्वतखोरी की देन हैं कि खार पश्चिम पाली विजेज में अवैध इमारत बनकर तैयार हैं। जिसपर कार्रवाई करने के बजाएं वसूली कर संरक्षण दिया जा रहा हैं और सहायक आयुक्त विनायक विसपुते धृतराष्ट्र बने हुए हैं।