मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अपने खेमे के कुछ अन्य मंत्रियों के साथ रविवार को मुंबई में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। अपने चाचा के खिलाफ बगावत करने और दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह और शरद पवार के बीच यह पहली बैठक थी। अजित पवार ने राकांपा मंत्रियों-हसन मुशरिफ, छगन भुजबल, अदिति तटकरे और दिलीप वलसे पाटिल के साथ राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के पास स्थित वाई बी चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की। प्रफुल्ल पटेल ने कहा, हम अपने आदर्श शरद पवार का आशीर्वाद लेने आये थे। उन्होंने कहा हम राकांपा को एकजुट रखना चाहते हैं इसलिए हमने पवार साहब से इस पर विचार करने और हमारा मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, बस हमारी बात सुनी। अजित पवार खेमे के नेता ने कहा, हम पहले उन्हें बिना बताये आये थे। उन्होंने कहा, हमें पता चला कि वह कार्यालय में हैं इसलिए हम उनका आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचे। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र अवहाद भी वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंचे थे। पाटिल ने कहा, ”अजित पवार समूह ने खेद व्यक्त किया और शरद पवार से पार्टी में मौजूदा जटिलताओं से बाहर निकलने का रास्ता खोजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा हम अपने रुख पर कायम हैं। पाटिल ने कहा कि शरद पवार गुट के पास 19 विधायकों का समर्थन है और अगर वे (बागी) वापस आना चाहते हैं, तो हम इसके लिए हमेशा तैयार हैं। यह घटनाक्रम अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा से मुकाबला करने के लिए बेंगलुरु में विपक्षी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक से दो दिन पहले आया है। ऐसी आखिरी बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में आयोजित की गई थी, जिसमें शरद पवार ने भाग लिया था। शुक्रवार को, अजित पवार मुंबई के एक अस्पताल में सर्जरी के बाद राकांपा सुप्रीमो की पत्नी प्रतिभा पवार से मिलने के लिए उनके आधिकारिक आवास सिल्वर ओक गए थे। अजित पवार अपनी चाची प्रतिभा के करीबी माने जाते हैं। 2019 में, विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने और देवेंद्र फड़नवीस ने अल्पकालिक सरकार बनाई, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर उन्हें राकांपा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।