राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने राज्य के राज्यपाल के पद से भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे का रविवार को स्वागत किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यहां राजभवन के नए पदाधिकारी “भाजपा की कठपुतली” नहीं होंगे। राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति में रविवार को कहा गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कोश्यारी के स्थान पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को नियुक्त किया गया है। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा नेता जयंत पाटिल ने एक ट्वीट में कहा, “मुझे उम्मीद है कि नया राज्यपाल पिछले वाले (कोश्यारी) की तरह भाजपा की कठपुतली नहीं होगा। हम महाराष्ट्र के राज्यपाल को बदलने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं क्योंकि यह महा विकास अघाड़ी की मांग थी।
राज्यपाल कोश्यारी ने अपने पद का कद गिरा दिया था: जयंत पाटिल
जयंत पाटिल ने आगे कहा कि पिछले राज्यपाल ने राज्य के सामाजिक प्रतीकों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के साथ-साथ वर्तमान असंवैधानिक राज्य सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन करके अपने पद का कद गिरा दिया था। हम महाराष्ट्र के नए राज्यपाल की नियुक्ति की खबर का स्वागत करते हैं। नया एकनाथ शिंदे-भाजपा गठबंधन पिछले साल जून में शिवसेना में विभाजन और उसके बाद महा विकास अघाड़ी के पतन के बाद सत्ता में आया था।
आदित्य ठाकरे ने जताई खुशी
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी कोश्यारी के इस्तीफे का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि महाराष्ट्र की बड़ी जीत! महाराष्ट्र विरोधी राज्यपाल का इस्तीफा आखिरकार स्वीकार कर लिया गया है। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा पुले और सावित्री बाई फुले, हमारे संविधान, विधानसभा और लोकतांत्रिक आदर्शों का लगातार अपमान करने वाले को राज्यपाल के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
विवादों में रहे हैं कोश्यारी
बता दें कि कोश्यारी के कुछ बयानों ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके चलते पिछले महीने राज्य राजभवन ने घोषणा की थी कि वह पद छोड़ना चाहते हैं। पिछले साल नवंबर में एक सभा को संबोधित करते हुए, कोश्यारी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी पुराने समय के प्रतीक थे ‘और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी जैसे व्यक्तित्व राज्य के आधुनिक प्रतीक थे।