
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र देश का सबसे उद्योग-अनुकूल राज्य है और निवेशकों के लिए सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि ‘व्यापार सुगमता’ (Ease of Doing Business) के अंतर्गत सरकार निवेशकों और उद्यमियों को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री फडणवीस मुंबई के जियो वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार एवं सामुदायिक गठबंधन (IABCA) ग्लोबल फोरम लीडर्स मीट और सीईओ गोलमेज सम्मेलन को गुरुवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए नई नीतियाँ बना रही है और शीघ्र ही 14 क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नीतियों की घोषणा की जाएगी, जिनमें सेवा क्षेत्र भी शामिल है। सेवा क्षेत्र राज्य की आर्थिक प्रगति का अहम हिस्सा है। उद्यमियों को बिना परेशानी के सभी अनुमतियाँ प्राप्त हों, इसके लिए ‘मैत्री पोर्टल’ और ‘वन-स्टॉप योजना’ लागू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेजी से विकसित हो रहा है। वधान बंदरगाह को छह घंटे की दूरी में राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों से जोड़ा जा रहा है, जिससे महाराष्ट्र समुद्री व्यापार में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई उद्योगपतियों से अपील की कि वे सीवेज प्रबंधन, प्रसंस्करण, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश करें। उन्होंने यह भी बताया कि पुणे में नया हवाई अड्डा और आधुनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ विकसित की जा रही हैं, जिससे शहर की प्रगति को नई गति मिलेगी। शिक्षा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए फडणवीस ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा प्राप्त करते हैं। अब यह शिक्षा नवी मुंबई स्थित ‘एजुसिटी’ में उपलब्ध होगी। वहीं, कुरनूल विश्वविद्यालय और गोंडवाना विश्वविद्यालय के बीच समझौते से खनन क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और गढ़चिरौली का लौह उद्योग इससे लाभान्वित होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि गढ़चिरौली भविष्य में देश की “लौह राजधानी” बनेगा। इस अवसर पर राज्य के पर्यटन व विपणन मंत्री जयकुमार रावल, ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन, उद्योग विभाग के सचिव पी.अन्बलगन और विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।




