पुणे। महाराष्ट्र संत, महात्माओं, विचारकों, स्वातंत्र्य सैनिकों की भुमी है। देश को स्वतंत्रता मिलने के पश्चात्र राज्य की निर्मित १९६० मे हुई तब से महाराष्ट्र का सर्वसमावेशी विकास हो इस दिशा मे तत्कालीन नेताओं ने प्रयास किया। इसे और आगे आधुनिक महाराष्ट्र बनाने का प्रयास निरतंर सरकारों ने जारी रखा। इसलियें आज महाराष्ट्र देश खेती, सहकार, शिक्षा, उद्योग ऐसी भी क्षेत्र मे अग्रणी स्थानपर है। देश तथा महाराष्ट्र के लिए कियें गये अतुलनीय योगदान के लिए राज्य सरकार हरवर्ष ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार प्रदान कर उचित सम्मान करती है. इसी के धर्तीपर इस वर्ष से राज्य सरकार ने ‘महाराष्ट्र उद्योग पुरस्कार’ देने की घोषणा की। प्रथम ‘उद्योगरत्न’ पुरस्कार वरीष्ठ उद्योजक पद्मविभूषण रतन टाटा को उनके निवास स्थानपर शनिवार को प्रदान किया गया। इसके साथ ‘उद्योगमित्र’, ‘उद्योगिनी’, ‘मराठी उद्यमी’ पुरस्कार की श्रेणी भी रखी गई है। इसमें सिरम इंस्टीट्यूट के अदार पुनावाला को ‘उद्योगमित्र’ पुरस्कार, किर्लोस्कर समूह की गौरी किर्लोस्कर को ‘उद्योगिनी’ पुरस्कार, विलास शिंदे को सर्वश्रेष्ठ ‘मराठी उद्यमी’ पुरस्कार रविवार को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार समारोह मुंबई के जिओ वर्ल्ड कन्व्हेन्शन सेंटर यहा आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उद्योग मंत्री उदय सामंत, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव हर्षदीप कांबले आदि उपस्थित थे। उद्योगरत्न’ पुरस्कार का प्रारूप २५ लाख रुपये, एक पदक और एक प्रमाण पत्र है। ‘उद्योगमित्र’ पुरस्कार का प्रारूप १५ लाख रुपये, सम्मान चिन्ह और प्रमाण पत्र, ‘उद्योगिनी’ पुरस्कार का प्रारूप ५ लाख रुपये, सम्मान चिन्ह और प्रमाण पत्र और ‘सर्वश्रेष्ठ मराठी उद्यमी’ पुरस्कार का प्रारूप ५ लाख रुपये, सम्मान चिन्ह और प्रमाण पत्र है।
रतन टाटा मनुष्यों मे देवपुरुष – मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
हममें से किसी ने भी भगवान को नहीं देखा है। लेकिन, भगवान चराचर में हैं। भगवान हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए आते हैं। इस वर्ष के ‘उद्योगरत्न’ पुरस्कार के लिए हमने ऐसे ही एक ईश्वरपुरुष को चुना है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस अवसर पर कहा कि टाटा अटूट विश्वास, गुणवत्ता का आश्वासन और महान सामाजिक चेतना का प्रतीक है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। महाराष्ट्र राज्य देश की औद्योगिक प्रगति का ग्रोथ इंजन है। इस ग्रोथ इंजन के पीछे सबसे बड़ी ताकत उद्योग क्षेत्र है। उन्होंने कहा, इसीलिए सरकार ने यह उद्योग पुरस्कार देकर राज्य के उद्योग जगत को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।