शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी के सिंबल मामले में आज यानी मंगलवार को अपनी दलील पूरी कर ली। चुनाव आयोग ने सुनवाई की अगली तारीख 17 जनवरी तय की है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शिवसेना के दोनों धड़ों की याचिकाओं पर 14 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगा। इस पर महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि अब ‘तारीख पर तारीख’ मिलेगी। यह उनका (अदालत का) अधिकार है। क्या कोई न्यायपालिका से इस बारे में पूछ सकता है?
अजित पवार ने कहा कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) अपने वकीलों के माध्यम से अपना पक्ष रख रही है। सुनवाई की तारीख और फैसले की तारीख तय करना शीर्ष अदालत का विशेषाधिकार है। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह पूरी तरह न्यायालय का अधिकार है। हम यह भी देख रहे हैं कि छह महीने हो गए और तारीखें दी जा रही हैं। अब उन्हें 14 फरवरी की अगली तारीख दी गई है।
उद्धव नीत शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि चूंकि सुनवाई की तारीख 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन्स डे की तारीख है, इसलिए सबकुछ प्यार के साथ होगा। 14 फरवरी से संविधान पीठ बिना किसी ब्रेक के मामले में सुनवाई करेगी। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
चुनाव चिह्न को लेकर कानून जंग
शिवसेना के दोनों गुटों के बीच लंबे समय से पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर कानून जंग चल रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ निर्वाचन आयोग में लंबित है। इससे पहले इस मामले पर चुनाव आयोग ने दोनों गुटों की दलीलें सुनने के लिए पांच जनवरी की तारीख तय की थी। इस सुनवाई के दौरान दोनों गुटों के वकीलों ने पार्टी के नाम और चिन्ह पर दावा करने के लिए प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच करने के लिए और समय मांगा था।
‘धनुष और तीर’ चिन्ह के उपयोग रोक
निर्वाचन आयोग ने पिछले साल महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव से पहले दोनों गुटों को चुनाव में ‘धनुष और तीर’ चिन्ह का उपयोग करने से रोक दिया था और दोनों गुटों को अलग नाम और चिह्न दिए गए थे। ठाकरे गुट को पार्टी के नाम के रूप में ‘शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ और एकनाथ शिंदे गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ (बालासाहेब की शिवसेना) आवंटित की गई थी। साथ ही चुनाव आयोग ने कहा था कि अंतरिम आदेश विवाद के अंतिम निर्णय तक जारी रहेगा।