लखनऊ:(Lucknow) उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Secretary Durga Shankar Mishra) की ओर सेे निराश्रित गोवंश के संरक्षण व भरण पोषण पर जारी गाइडलाइन को लेकर जिलों में पालन कराया जा रहा है। सड़क और खेतों में घूमने वाले निराश्रित गोवंश को जिलाधिकारियों के निर्देश पर वाहनों में लादकर गोआश्रय स्थलों तक पहुंचाने का कार्य जारी है।
बीते अप्रैल माह में मुख्य सचिव ने निराश्रित गोवंश को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी और जिसमें जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि किसी भी स्थिति में गोवंश जो निराश्रित हैं, वो खेत में या फिर सड़क में घूमते नहीं दिखे। गोवंश को सुरक्षा देते हुए जिले में बने गोआश्रय स्थलों तक पहुंचाया जाये। वहीं इससे संबंधित प्रमाण पत्र भी जारी करने के जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव ने निर्देश दिये थे।
वर्तमान स्थिति में एक माह बीतने के बाद मुख्य सचिव की गाइडलाइन पर कार्य होता दिख रहा है। लखनऊ में कुर्सी रोड पर बीते दिनों कई गोवंश को नगर निगम की टीमों ने वाहन में लादकर गोआश्रय स्थल पहुंचाया। शहर के फैजुल्लागंज क्षेत्र में बड़ी संख्या में निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल पहुंचा गया, जिनकी संख्या दो दर्जन से ज्यादा है।
लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों मोहान रोड, मलिहाबाद में निराश्रित गोवंश के खेतों में जाने की सूचना पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन को सूचित किया। इस पर निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल भेजवाने का कार्य जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कराया। शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के निकट भी ऐसी ही सूचना सामने आयी थी लेकिन मौके पर पकड़े गये गोवंश निराश्रित नहीं थे। उनके स्वामी मौके पर पहुंचकर गोवंश को छुड़ा ले गये।
उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में बड़ी संख्या में यह शिकायतें सामने आती रही है कि खेतों में गोवंश चले गये और उन्होंने फसल का नुकसान किया। बीते एक माह में पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनपदों में जिला प्रशासन की टीमों के प्रयास से इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोकथाम लग गयी है। मेरठ जनपद के कंकरखेड़ा क्षेत्र में निराश्रित गोवंश के सड़क पर घूमने की सूचनाओं पर जिला प्रशासन ने गोवंश को पकड़कर गोआश्रय स्थल पहुंचाया। इसी तरह अन्य जनपदों से भी सूचना सामने आती रही।
वहीं उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के मुख्यालय में बैठे अधिकारियों की भी मंडल अनुसार जिला के अधिकारियों के साथ बैठकें हो रही है। जिसमें निराश्रित गोवंश, गोआश्रय स्थलों की देखरेख पर प्रश्न उत्तर हो रहे हैं। जिससे जनपद के अनुसार स्थितियों की जानकारी पशुपालन विभाग के मुख्यालय को हो सके।