मुंबई। मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के वास्ते मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित समिति 11 से 23 अक्टूबर के बीच मराठवाड़ा का दौरा करेगी। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली समिति ने लोगों से (हैदराबाद) निजाम-युग के दस्तावेज, वंशावली, शैक्षिक और राजस्व प्रमाण, उस युग के दौरान हस्ताक्षरित समझौते और अन्य संबंधित दस्तावेज प्रदान करने की अपील की है।
समिति की पहली बैठक 11 अक्टूबर को होगी
अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व), प्रमुख सचिव (विधि और न्याय), और संबंधित जिलों के जिला कलेक्टर समिति के सदस्य होंगे, जबकि छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के संभागीय आयुक्त इसके सदस्य सचिव होंगे। कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हिस्सा हैं. समिति की पहली बैठक 11 अक्टूबर को छत्रपति संभाजीनगर संभागीय आयुक्त कार्यालय में होगी, उसके बाद 12 अक्टूबर को जालना कलेक्टरेट में एक बैठक होगी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया था समिति का एलान
परभणी जिलाधिकारी कार्यालय में 16 अक्टूबर को, 17 अक्टूबर को हिंगोली कलेक्टर कार्यालय में और 18 अक्टूबर को नांदेड़ जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक होगी। 21 अक्तूबर को समिति की लातूर कलेक्टर कार्यालय में, 22 अक्तूबर को धाराशिव (पूर्व में उस्मानाबाद) कलेक्टर कार्यालय में और 23 अक्तूबर को बीड कलेक्टर कार्यालय में बैठक आयोजित की जाएगी। बता दें कि जालना में मराठा आरक्षण के नेता मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से इस समिति का एलान किया था गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छह सितंबर को समिति का एलान किया था। गौरतलब है कि मराठवाड़ा क्षेत्र के सितंबर 1948 में मुक्त होने और इसके महाराष्ट्र में विलय होने तक इस क्षेत्र में हैदराबद का निजाम का शासन था।