
मुंबई। आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज यानी बुधवार को मुंबई में मातोश्री बंगले में आकर उद्धव ठाकरे से मिले। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी थे। इस मुलाकात के बाद पत्रकारो को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आठ साल की लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार ने अपनी मनमर्जी से एक अध्यादेश लाकर जनता की चुनी हुई सरकार के अधिकार को छीन लिए। केजरीवाल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का राज चलेगा या गवर्नर का? लेकिन केंद्र सरकार को लोकतंत्र और जनता से कोई सरोकार नहीं है. वे अहंकार से भरे हुए हैं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार बनी और कुछ दिनों के अंदर ही केंद्र सरकार ने हमारी शक्ति छीन ली। हमारा अधिकार छीन लिया। आठ साल तक हमने कोर्ट में लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने फिर हमारे पक्ष में फैसला दिया तो अहंकार से भरी केंद्र सरकार को लगा कि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ फैसला देने की हिम्मत कैसे कर सकती है। इस फैसले के आठ दिनों के अंदर ही केंद्र सरकार ने नया अध्यादेश लाकर हमारी शक्ति छीन ली। ये लोग कोर्ट को नहीं मानते।
आप के नेता नहीं बिके तो जनता की चुनी हुई सरकार का हक छीन लिया
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले उन्होंने ऑपरेशन लोटस चलाया। जब आम आदमी पार्टी का एक भी नेता नहीं बिका तो अध्यादेश लाकर हमारे दिल्ली की जनता का हक छीन लिया। हमारी लड़ाई मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ है। विधायकों को तोड़ कर देश भर में सरकार बनाना बीजेपी का धंधा है। ये तीन तरह से काम करते हैं या तो ये किसी सरकार के विधायकों को पैसे से तोड़ कर सरकार गिरा देते हैं। अगर वे नहीं बिकते हैं तो सीबीआई और ईडी का डर दिखाते हैं। यह भी काम नहीं करता तो ये अध्यादेश लाकर यह सरकार को पंगु बना देते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री सुप्रीम कोर्ट के जजों को गंदी-गंदी गालियां देते हैं। इनके मन में अदालतों के लिए कोई सम्मान नहीं है। ये लोग न्यायाधीश और न्यायव्यवस्था के खिलाफ सोशल मीडिया में मुहिम चलाते हैं। ये रिटायर्ड जजों को देशद्रोही बता देते हैं। ये अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की धज्जियां उड़ा देते हैं। अगर अहंकार से और तानाशाही से ही सरकार चलानी है तो चुनाव क्यों करवाते हो?
लोकतंत्र को बचाना जरूरी, हुकुमशाही की सरकार का जाना जरूरी- उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दूसरी बार हमसे मिलने मातोश्री आए। रिश्ता निभाने के लिए शिवसेना और मातोश्री मशहूर है। हम राजनीति से आगे जाकर रिश्तों को अहमियत देते हैं। लोकतंत्र और संविधान को टिकाए रखने के लिए हमारा एक होना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र के हक में था, लेकिन यह केंद्र सरकार को कुबूल नहीं था। लोकतंत्र को बचाना जरूरी है, इसलिए २०२४ में इस हुकुमशाही की सरकार का जाना जरूरी है।