बीएमसी एच/पूर्व में सहायक अभियंता वैभव लाव्हले, कनिष्ठ अभियंता अमित झाकनेकर, शैलेश मुत्रक नोटिस देकर वर्गफीट में कर रहे हैं अवैध निर्माणों से वसूली!
बांद्रा नवपाड़ा में ५ मंजिली तीन अवैध इमारते, कालीना में नोटिस देने व मामला कोर्ट में होने के बाद भी भूमाफिया कर रहा हैं अवैध इमारत का निर्माण
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के वार्डो में बैठे सहायक आयुक्तों ने वार्डो को लूटपाट का अड्डा बना दिया हैं यह कहना गलत नहीं होगा! क्योंकि वार्डो में जिस प्रकार से सहायक आयुक्तों की कार्यप्रणाली चल रहीं हैं उससे उनका निजी स्वार्थ ही दिखाई दे रहा हैं और बीएमसी के राजस्व को नुकसान और मुंबई की छवि को धूमिल करने वाली ही दिख रहीं हैं। बीएमसी एच/पूर्व विभाग को भ्रष्टाचार की दलदल में पूर्व सहायक आयुक्त अलका ससाने ने इस प्रकार से फंसा कर चली गई हैं आज भी अधिकारी उनकी मानसिकता के तहत काम कर रहे हैं। शायद वर्त्तमान सहायक आयुक्त स्वप्नजा क्षीरसागर को उनकी कार्यप्रणाली की हवा लग गई हैं! जो शिकायतों के बाद भी न तो भ्रष्ट अभियंताओं पर कार्रवाई कर रहीं और नहीं अवैध बनी इमारतो पर! आखिर कैसे तीन ५ मंजिला इमारत बिना किसी परमिशन के खड़ी हो जाती हैं? ये काम रातो-रातो तो नहीं हो सकता हैं! तो इमारत विभाग का मुकादम, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, पदनिर्देशित अधिकारी व सहायक आयुक्त क्या कर रहे थे और भूमाफिया अवैध आरसीसी इमारत को खड़ा कर देता हैं और अभियंता सिर्फ स्टाप वर्क का नोटिस देकर बाद में भूमाफिया को कोर्ट जाने का रास्ता दिखाकर, लाखो की वसूली कर प्रशासनिक व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटे हैं। मिली जानकारी के अनुसार बीएमसी एच/पूर्व इमारत व कारखाना विभाग में सब नियम के विरुद्ध चल रहा हैं। सहायक अभियंता अपनी मनमानी कर रहे हैं। नोटिस देकर वसूली इनका मकसद बन गया हैं। सहायक अभियंता वैभव लव्हाले, कनिष्ठ अभियंता अमित झाकनेकर व शैलेश मुत्रक के कामो पर नजर डाला जाये तो इन्होने सिर्फ नोटिस देकर वर्गफीट के हिसाब से वसूली की हैं! और जहां वसूली नहीं हुई वहां १ महीने के अन्दर कार्रवाई फिर वसूली और अवैध निर्माण बनकर तैयार। बता दें कि वार्ड ८७ में गोलीबार रोड स्थित जसराज सुपर मार्केट को ३५१ की नोटिस दिनांक २६ अप्रैल २०२२ को दी गयी, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं की गई हैं। वार्ड क्र ९० में सांताक्रुज पूर्व कालीना हाउस नं १२ को दिनांक २७ अप्रैल २०२२ को ३५४(ए) का नोटिस दी गई लेकिन कार्रवाई नहीं। ऐसे कई मामले हैं जिसमें लीपापोती की गई हैं जो जांच का विषय हैं। इसीप्रकार कालीना में ही हाउस नं १४६ को ३५४(ए) की नोटिस दिनांक १८ नवंबर २०२२, हाउस नं १२ को ३५४(ए) की नोटिस दिनांक ४ अक्तूबर २०२२ व आजाद नगर जबली पाड़ा कालीना में हाउस नं ४५ एमआरटीपी-५५ की नोटिस दिनांक १४ नवबंर २०२२ को दी गई लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं। वहीं वार्ड ९६ में बांद्रा पूर्व नव पाड़ा में तीन ५ मंजिला इमारते बिना किस परमिशन के बनकर खड़ी हो गई और कनिष्ठ अभियंता शैलेश मुत्रक ने सिर्फ स्टॉप वर्क का नोटिस देकर भूमाफिया को कोर्ट में भेजकर शिकायत कर्ताओं व बीएमसी प्रशासन को गुमराह किया। वहीं मुत्रक व प्रभारी डीओ राजू वडिले से उक्त इमारतों पर कार्रवाई कब होगी पूछा गया तो कहा कि एमआरटीपी की नोटिस बनाकर रखा हैं सहायक आयुक्त मैडम की सही लेनी हैं वहीं जब सहायक आयुक्त स्वप्नजा क्षीरसागर से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और एसएमएस भेजा की मै काल करती हु लेकिन कोई फोन नहीं आया हालांकि सहायक आयुक्त स्वप्नजा क्षीरसागर ने कार्यभार संभालते समय कहा था कि उक्त इमारतो पर कार्रवाई होगी लेकिन कोई कार्रवाई होती दिख नहीं रहीं हैं। अब देखना यह हैं कि क्या परिमंडल तीन के बीएमसी सह आयुक्त रणजीत ढाकणे व बीएमसी प्रशासक इकबाल सिंह चहल उक्त मामले पर संज्ञान लेते हुए बीएमसी एच/पूर्व विभाग में चल रहे मनमानी कार्यभार व अवैध रूप से बनी इमारतो पर कार्रवाई के साथ संबधित अधिकारियों की जांच का आदेश देंगें ?