
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नेतृत्व को रेखांकित करने वाला एक वैश्विक सम्मेलन ‘मुंबई जलवायु सप्ताह’ अगले वर्ष फरवरी में मुंबई में आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट मुंबई की अवधारणा पर आधारित है और महाराष्ट्र सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा बृहन्मुंबई महानगरपालिका के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। मंत्रालय के समिति कक्ष में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि मुंबई जलवायु सप्ताह का मुख्य आयोजन 17 से 19 फरवरी 2026 तक बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में होगा। उन्होंने कहा कि मुंबई में पहली बार ऐसा अंतरराष्ट्रीय आयोजन हो रहा है, जिसके माध्यम से भारत वैश्विक दक्षिण की जलवायु कार्रवाई का नेतृत्व करता हुआ दिखाई देगा।
सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें पर्यावरणविद, नीति-निर्माता, शहरी योजनाकार और युवा प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। फडणवीस ने कहा कि यह पहल न केवल पर्यावरणीय आपात स्थितियों का समाधान प्रस्तुत करेगी, बल्कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन का व्यावहारिक मॉडल भी स्थापित करेगी।मुख्यमंत्री ने बताया कि नागरिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए शहर भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रदर्शनियाँ, जागरूकता कार्यशालाएँ, खेल एवं कला आधारित गतिविधियाँ, जलवायु-केंद्रित फिल्म महोत्सव और ‘क्लाइमेट फूड फेस्टिवल’ शामिल रहेंगे। इस अवसर पर मुंबई जलवायु सप्ताह के लोगो का अनावरण भी किया गया। फडणवीस ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि से प्रेरित होकर महाराष्ट्र और मुंबई अब जलवायु कार्रवाई के साथ नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उनके अनुसार, यह आयोजन भारत और विकासशील देशों के लिए दुनिया के समक्ष एक समर्पित मंच भी प्रदान करेगा।
सम्मेलन तीन प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगा:- खाद्य प्रणालियाँ, ऊर्जा परिवर्तन व शहरी लचीलापन।
इन तीनों विषयों पर न्याय, नवाचार और वित्तीय दृष्टिकोण से विमर्श होगा और एक व्यवहार्य जलवायु कार्रवाई कार्यक्रम का खाका तैयार किया जाएगा। प्रोजेक्ट मुंबई के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिशिर जोशी ने कहा कि यह आयोजन भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा और इसके माध्यम से जनभागीदारी पर आधारित समाधान सामने आएंगे। नॉलेज पार्टनर के रूप में मॉनिटर डेलॉइट सहयोग करेगा, जबकि क्लाइमेट ग्रुप, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (इंडिया), इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव, यूनिसेफ, शक्ति फाउंडेशन, राष्ट्रीय सेवा योजना सहित अनेक संस्थाएँ भी भागीदार होंगी।
बैठक में पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे, नगर आयुक्त भूषण गगरानी, विभाग की सचिव जयश्री भोज, अतिरिक्त मुख्य सचिव अश्विनी भिडे, सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी, मुख्यमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौस्तुभ धावसे और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।




