
बारामती। महाराष्ट्र में लगातार बारिश और बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस स्थिति का जायज़ा लेने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को बारामती तालुका के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों की मदद और कर्जमाफी पर सरकार उचित समय पर संतुलित निर्णय लेगी।
पवार ने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता राहत और पुनर्वास कार्य को गति देने की है। उन्होंने बताया कि प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है और प्रभावित किसानों को हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है। विपक्ष की ओर से बाढ़ग्रस्त घोषित करने और तत्काल कर्जमाफी की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार समय आने पर ठोस कदम उठाएगी। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने पीडीसीसी बैंक की 108वीं वार्षिक आम सभा में भी भाग लिया। उन्होंने जानकारी दी कि बैंक किसानों को तीन लाख रुपये तक का फसल ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। इस योजना से अब तक 2 लाख 88 हजार किसानों को लाभ हुआ है, जिसमें कुल 2400 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। बैंक स्वयं 9 करोड़ रुपये का ब्याज भार वहन करती है। पवार ने कहा कि तीन लाख रुपये से अधिक ऋण लेने वाले किसानों की संख्या सीमित है और उन्हें भी राहत पहुंचाने पर विचार किया जा रहा है। बारामती दौरे के दौरान पवार ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया, किसानों से संवाद किया और अधिकारियों से राहत कार्य की जानकारी ली। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपने खाते अलग रखें और फसल ऋण योजनाओं का सही उपयोग करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए अधिकतम मदद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं। मंच पर इस अवसर पर कृषि मंत्री, बैंक अधिकारी और कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया, बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार और किसानों की सुरक्षा पर भी जोर दिया। अंत में अजित पवार ने कहा कि बारिश से हुए नुकसान की भरपाई और कर्जमाफी पर जल्द ही ठोस और संतुलित फैसला लिया जाएगा, जिससे किसानों को आर्थिक राहत मिल सके और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य तेज़ी से आगे बढ़े।




