
मुंबई। महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रशासनिक अधिकारियों से किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश की कृषि परंपरा प्राकृतिक खेती पर आधारित रही है और अब समय है कि प्रशासनिक तंत्र इसकी पुनर्स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाए। राज्यपाल ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे प्राकृतिक तरीके से उत्पादित फल, अनाज और कृषि उत्पादों को प्राथमिकता देकर खरीदें, ताकि किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। राज्यपाल रविवार को मुंबई राजभवन में ‘प्राकृतिक खेती: भारत की अद्वितीय विरासत’ विषय पर आयोजित एक व्याख्यान में बोल रहे थे। संकल्प फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस, राजस्व विभाग सहित विभिन्न सरकारी सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी और स्वयंसेवक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर आरएसएस मुंबई क्षेत्र के सुरेश भगेरिया, संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष संतोष कुमार तनेजा, महासचिव संतोष पाठक और सचिव राजू चौहान भी उपस्थित रहे। राज्यपाल ने प्राकृतिक कृषि पद्धति को किसानों के हित और पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इसे एक जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने में योगदान दें।




