
पिथौरागढ़। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सफलता दर्ज करते हुए इंटरपोल चैनलों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से वांछित भगोड़े जगदीश पुनेठा को भारत वापस लाने में सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समन्वय से 13 नवंबर 2025 को पूरी की गई। जगदीश पुनेठा, जो इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ का विषय था, उत्तराखंड पुलिस द्वारा वांछित था। उसके खिलाफ पिथौरागढ़ पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत एफ़आईआर संख्या 239/2021 दर्ज है। पुलिस के अनुसार, अपराध को अंजाम देने के बाद पुनेठा भारत से फरार होकर यूएई चला गया था।
इंटरपोल और अंतरराष्ट्रीय समन्वय से गिरफ्तारी संभव
उत्तराखंड पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से 06 मई 2025 को पुनेठा के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया। इसके बाद, सीबीआई ने लगातार यूएई की संबंधित एजेंसियों के साथ संपर्क और समन्वय बनाए रखा, जिसके चलते आरोपी का पता लगाया जा सका और उसे हिरासत में लिया गया। सीबीआई के निर्देश और समन्वय के बाद उत्तराखंड पुलिस की एक टीम यूएई भेजी गई, जिसने आरोपी को गिरफ्तार कर 13 नवंबर 2025 को नई दिल्ली लेकर पहुंची।
भारत की अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का मजबूत संकेत
सीबीआई, जो इंटरपोल के लिए भारत का नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) है, BHARATPOL प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से देश की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर कार्य करती है। एजेंसी के अनुसार, इंटरपोल चैनलों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उपयोग करते हुए बीते वर्षों में 150 से अधिक वांछित अपराधियों को सफलतापूर्वक भारत प्रत्यर्पित किया गया है। यह उपलब्धि वैश्विक स्तर पर अपराधियों के खिलाफ भारत की सख्त और सक्रिय रणनीति को दर्शाती है। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि गंभीर अपराध करने वाले और विदेश में छिपने की कोशिश करने वाले अपराधी भी कानून की पहुंच से बच नहीं सकते।




