मुंबई। महाराष्ट्र में गणेशोत्सव, दशहरा, दिवाली और क्रिसमस जैसे बड़े त्योहारों के दौरान खाद्य पदार्थों की मांग में भारी इज़ाफ़ा होता है। मिठाइयाँ, खावा, पनीर, घी, खाद्य तेल, और सूखे मेवे जैसे खाद्य उत्पादों की मांग विशेष रूप से बढ़ जाती है, लेकिन इसी के साथ मिलावट की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के खाद्य विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है, जो सितंबर से दिसंबर तक चलेगा। एफडीए के प्रभारी सह आयुक्त उ.वि.इंगवले ने राज्य के सभी सहायक आयुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे त्योहारों के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करें। इस आदेश के तहत, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को हर माह कम से कम 10 दुकानों और कारखानों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है, विशेष रूप से मिठाई और खावा-मावा के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की।
सख्त निगरानी और छापेमारी
इंगवले द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, एफडीए ने खावा, मिठाई, पनीर, दही, घी, खाद्य तेल, और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का आदेश दिया है। इसमें उन वाहनों की भी निगरानी की जाएगी जो इन उत्पादों का परिवहन करते हैं, खासकर निजी बसों और ट्रकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर संदिग्ध उत्पादों के नमूने लेकर उनकी जांच की जाएगी और मिलावट पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ पहल
इस अभियान के अंतर्गत, एफडीए द्वारा ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ पहल के माध्यम से जन जागरूकता पर जोर दिया जाएगा। इस पहल के तहत खाद्य पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जहां उन्हें कानूनी प्रावधानों और स्वच्छता मानकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को भी जागरूक किया जाएगा कि वे त्योहारों के दौरान खाद्य उत्पादों की शुद्धता पर ध्यान दें और मिलावट के प्रति सचेत रहें। एफडीए मुख्यालय ने सभी सहायक आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे अपनी गतिविधियों और निरीक्षण की रिपोर्ट हर सोमवार को मुख्यालय में Google स्प्रेडशीट के माध्यम से प्रस्तुत करें, ताकि अभियान की प्रगति पर नज़र रखी जा सके और इसे अधिक प्रभावी बनाया जा सके।