
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कतर के साथ संभावित सहयोग के लिए चर्चा की है, जिसमें राज्य के युवाओं को कतर के उद्योगों के अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण देने की योजना शामिल है। कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि इस पहल से दोनों देशों को लाभ होगा, साथ ही कतर को महाराष्ट्र में निवेश कर राज्य के विकास में योगदान देना चाहिए। कौशल मंत्री लोढ़ा ने गुरुवार को सह्याद्री अतिथि गृह में कतर लीडरशिप सेंटर के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। इस अवसर पर मित्रा के सीईओ प्रवीण परदेशी, मुख्य प्रोटोकॉल अधिकारी एवं सचिव डॉ. राजेश गावंडे, कतर लीडरशिप सेंटर के रिलेशनशिप मैनेजर महाना जाबोर अल-नईमी, प्रतिनिधिमंडल प्रमुख राशिद मोहम्मद अल-मेनाई और अन्य सदस्य उपस्थित थे। श्री लोढ़ा ने कहा कि भारत और कतर के बीच 1973 से राजनयिक संबंध हैं और कतर में 8.5 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं, जो वहां की विकास प्रक्रिया में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कतर के दौरे और भारतीय समुदाय के साथ उनकी बातचीत का हवाला देते हुए दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ज़ोर दिया। मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का धन्यवाद करते हुए कहा कि यदि दोनों देशों के बीच मैत्री और विकास की मजबूत नींव रखी जाए, तो भविष्य में सुंदर और मजबूत संबंध स्थापित होंगे। प्रतिनिधिमंडल की ओर से श्री अल-नईमी और श्री अल-मेनई ने बातचीत की, जबकि मित्रा के सीईओ प्रवीण परदेशी ने महाराष्ट्र में हो रहे विकास कार्यों और विभिन्न क्षेत्रों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।




