मुंबई: ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने अपने खिलाफ भेजे गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव से संबंधित नोटिस का जवाब दिया है. उन्होंने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने विधानमंडल का कोई अपमान नहीं किया है. उनका बयान विधानमंडल को लेकर नहीं बल्कि एक खास गुट को लेकर था जिसे पूरे विधानमंडल को लेकर दिया गया बयान समझा गया. संजय राउत ने विधान मंडल को चोर मंडली कहा था. इस बयान को लेकर महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र में खूब हंगामा हुआ और इसे सदन का अवमानना कहा गया. इसके बाद उन्हें विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस भेजा गया.
संजय राउत ने समय खत्म हो जाने पर भी नोटिस का जवाब नहीं दिया था. इस वजह से यह मुद्दा केंद्र को भेजे जाने की चर्चा हो रही थी. एक इस बात की चर्चा थी कि उन्हें एक रिमाइंडर लेटर भेजा जाए. इसी दौरान संजय राउत ने आखिर आज (8 मार्च, बुधवार) नोटिस का जवाब भेज दिया. इस जवाब में उन्होंने अपना पक्ष रखने के साथ-साथ विस्तार से जवाब देने के लिए और वक्त की मांग भी की है.
संजय राउत ने अपने पत्र में यह लिखा
मा. मुख्य सचिव, महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय,
जय महाराष्ट्र!
कोल्हापुर के एक कार्यक्रम में विधानमंडल के बारे में एक बयान को लेकर कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई और विशेषाधिकार उल्लंघन और अवमानना को नोटिस भिजवाई. इस बारे में जवाब देने के लिए मुझे 3 मार्च 2023 की शाम 6.30 बजे तक का समय दिया गया.
मेरा आपसे नम्र निवेदन है कि मैं 4 मार्च तक पश्चिम महाराष्ट्र के दौरे पर था. कर्नाटक की सीमा के पास होने की वजह से मेरा संपर्क मुंबई से नहीं हो पाया.इस वजह से दी गई तारीख तक जवाब देना संभव नहीं हुआ. कृपया विस्तार से खुलासा करने के लिए मुझे और मुद्दत दें.
महाराष्ट्र विधानमंडल का और इसके सदस्यों का मैं सतत आदर करता रहा हूं. हर नागरिक का यह कर्तव्य है.
मैं खुद कई सालों से राज्यसभा का सदस्य रहा हूं. मुझे सदन की अहमियत पता है. मैंने पूरे विधानमंडल को लेकर कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है. मेरा बयान एक खास गुट तक ही केंद्रित है.कृपया इसे ध्यान में रखा जाए. फिर भी इस मामले में विस्तार से खुलासा करने के लिए मुझे वक्त दिया जाए.
आपका आज्ञाकारी
(संजय राउत)