Tuesday, December 3, 2024
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Delhi: AIIMS के सर्वर पर साइबर अटैक 20 घंटों से नहीं चला सर्वर, मरीजों का रिकॉर्ड भी दांव पर

Delhi: के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) में इस्तेमाल होने वाला राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र का ई-हॉस्पिटल सर्वर बुधवार सुबह से बंद है, जिसके चलते ओपीडी और नमूना संग्रह सेवाएं प्रभावित हुई हैं। 20 घंटे बाद भी ये सर्वर चालू नहीं हुआ है। जिस कारण एम्स में लाखों मरीजों की जांच रिपोर्ट समेत तमाम लेखा जोखा अभी भी दांव पर लगा हुआ है। NIC की टीम ने पहले बैक अप सर्वर से फाइल रिस्टोर करने की कोशिश की तो पता चला बैक अप सर्वर में भी सेंध लग गई और उसकी फाइलों का एक्सटेंशन बदल दिया गया। अब दूसरे बैकअप सर्वर से कोशिश की जा रही है।

एम्स के अधिकारियों ने कहा कि ये सभी सेवाएं फिलहाल मैनुअल मोड पर काम कर रही हैं। एम्स ने एक बयान में कहा कि एम्स में काम कर रही एनआईसी की एक टीम ने सूचित किया है कि यह एक रैंसमवेयर हमला हो सकता है. उचित कानून प्रवर्तन अधिकारी इसकी जांच करेंगे. एम्स के एक अधिकारी ने कहा, सर्वर बंद होने से स्मार्ट लैब, बिलिंग, रिपोर्ट जनरेशन और अपॉइंटमेंट सिस्टम समेत ओपीडी और आईपीडी डिजिटल अस्पताल सेवाएं प्रभावित हुई हैं. एम्स की तरफ से जारी प्रेस रीलीज के मुताबिक ये जो सरवर हैक हुआ है. ये एक तरह का साइबर-अटैक है. इसकी जांच की जा रही है और फिलहाल एम्स में मैनुअल मोड पर काम हो रहा है।

मैनुअल मोड में चल रहा है एम्स का काम

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ओपीडी और नमूना संग्रह सेवाएं मैनुअल मोड में प्रदान की गईं। एम्स ने बयान में कहा कि डिजिटल सेवाएं बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और एनआईसी की मदद ली जा रही है।

मरीजों को लंबी कतारों का करना पड़ रहा है सामना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कल सुबह से ही सर्वर ठप होने के चलते नए मरीजों के ओपीडी पर्चे तक नहीं बन सके। मैनुअल तरीके से मरीजों के कार्ड और पर्चे बनाए गए. जिसके चलते लंबी-लंबी कतारें काउंटर पर लगी रहीं। बताया यह भी जा रहा है कि मरीजों को इलाज मिलने में घंटों इंतजार भी करना पड़ रहा है. मरीजों का पर्चा बनाने से लेकर अन्य कई काम प्रभावित है। वहीं एक्सपर्ट की टीम सर्वर में आई गड़बड़ी को तलाशने और सुधार करने की कोशिश में लगे रहे। वहीं एम्स अधिकारी के बयान के मुताबिक भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए एम्स और एनआईसी उचित सावधानी बरतेंगे।

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