मुंबई। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता और मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर को कथित कोविड-19 बॉडी बैग घोटाला मामले में बड़ी राहत मिली है। पेडनेकर को इस मामले में राहत बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली है। पेडनेकर पर कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण से जान गंवाने वाले मरीजों के शव रखने के लिए खरीदे गए ‘बॉडी बैग’ में कथित घोटाला करने का आरोप लगा है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी, जिस वजह से उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस को अगली सुनवाई तक पेडनेकर के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। साथ ही पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर को भी जांच के दौरान सहयोग करने का आदेश दिया है। उद्धव गुट की महिला नेता की अग्रिम जमानत याचिका को शहर की एक निचली अदालत ने पिछले हफ्ते खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि वह एक ऐसे आर्थिक अपराध की आरोपी हैं, जिसमें जनता का भारी भरकम पैसा लगा है। याचिका खारिज होने के बाद किशोरी पेडनेकर ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। पेडनेकर ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उनके खिलाफ शिकायत राजनीतिक से प्रेरित है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाख (ईओडब्लू) ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) सहित विभिन्न धाराओं के तहत पेडनेकर और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी ) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘बॉडी बैग’ को बीएमसी ने बाजार कीमत से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा था। शिकायत में महामारी के दौरान बीएमसी द्वारा संक्रमण से जान गंवाने वाले मरीजों के शव के लिए ‘बॉडी बैग’, अन्य के लिए मास्क व अन्य वस्तुओं की खरीद और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रबंधन में अनियमितता व फंड का गलत तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।