जालना। शिंदे सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल पर जमकर हमला बोला। जालना के अंबाड में आयोजित ओबीसी एल्गार परिषद की रैली में उन्होंने जारांगे की कड़ी आलोचना की। उन्होंने जरांगे पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैं अपनी मेहनत का खाता हूं, तुम्हारी तरह सास के घर पर टुकड़े नहीं तोड़ता,’ लेकिन जरांगे ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भुजबल की भाषा निम्न स्तर की है और वह बूढ़े हो गए हैं। जरांगे ने आरोप लगाया कि वे राज्य में माहौल खराब करना चाहते हैं। उन्होंने यह कहकर बात खत्म कर दी कि मराठा समाज अब भुजबलों को महत्व नहीं देता। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से भुजबल और जरांगे पाटिल के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। भुजबल ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर पहले भी आंदोलन हुआ। खत्री आयोग। बापट आयोग, सराफा आयोग और कई लेकिन सभी ने अंत मे कहा कि नही दे सकते है। इसमें हमारा क्या दोष है। हमको तो संविधान ने दिया। बाबा साहब ने दिया। मंडल कमीशन ने दिया।
छगन भुगबल ने जरांगे पर बोला हमला
भुजबल ने जरांगे पर हमला बोलते हुए कहा कि वह कहते हैं कि ये भुजबल दो साल जेल की रोटी खाकर आया है, हां ठीक है, मैं जेल की रोटी खाकर आया हूं, भुजबल दीवाली में भी कांदा रोटी खाता हूं। तेरी तरह सास के घर और टुकड़े नही तोड़ता हूं। छगन भुजबल ने आरक्षण मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल पर हमला बोला। उन्होंने आरक्षण का इतिहास भी बताया। क्या तुम खा रहे हो? ऐसा सवाल छगन भुजबल ने पूछा। छगन भुजबल ने हमला बोलते हुए कहा कि ये उनके दिमाग से बाहर की बात है। उन्होंने कहा कि 6 जून 1993 को इसी जालना में महात्मा फुले समता परिषद के लाखों लोगों की रैली हुई थी। उस समय शरद पवार मुख्यमंत्री थे। रैली में थे सीताराम केसरी। विलासराव देशमुख थे। सभी थे. उस समय हमने मंडल कमीशन लागू करने की मांग की थी।
आरक्षण की बताई पूरी कहानी
उन्होंने कहा कि शरद पवार ने इस जिले की मांग पूरी करने का वादा किया। आज कई लोग कह रहे हैं कि शरद पवार ने ओबीसी को आरक्षण दिया। हमें नुकसान पहुंचाया। लेकिन यह वैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मंडल कमीशन ने आरक्षण दिया। फिर भी कुछ लोग कोर्ट चले गये। सुप्रीम कोर्ट में नौ जज बैठे थे। इसमें पूर्व जस्टिस पीबी सावंत भी थे। इस बार कोर्ट ने कहा कि ओबीसी का मुद्दा सही है और उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तब 201 जातियों को ओबीसी में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि इसे सुप्रीम कोर्ट की मुहर के तहत शामिल किया गया था। इसके बाद उनका जीआर जारी कर दिया गया।