नवी मुंबई। महाराष्ट्र सरकार की सिफारिश के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 में कथित धोखाधड़ी के मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है। यह मामला तब सामने आया जब नवी मुंबई के डीवाई पाटिल डीम्ड यूनिवर्सिटी के परीक्षा केंद्र में एक छात्रा ने कथित तौर पर अपनी पहचान छुपाकर मयूरी मनोहर पाटिल नाम की एक उम्मीदवार की जगह परीक्षा दी। घटना का खुलासा तब हुआ जब अधिकारियों ने देखा कि परीक्षार्थी का बायोमेट्रिक विवरण पंजीकृत उम्मीदवार के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा था। जांच के दौरान, सीबीआई को पता चला कि राजस्थान के अलवर की रहने वाली निशिका यादव, जो जवाहर मेडिकल कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा है, ने कथित रूप से मयूरी पाटिल के नाम पर परीक्षा दी थी। परीक्षा के दिन, जब एक एनटीए अधिकारी ने बायोमेट्रिक मिलान के लिए मशीन का उपयोग किया, तो गड़बड़ी पकड़ी गई। आगे पूछताछ पर छात्रा ने अपनी असली पहचान का खुलासा किया, जिससे धोखाधड़ी की पुष्टि हुई। नवी मुंबई के सीबीडी बेलापुर पुलिस स्टेशन में डीवाई पाटिल डीम्ड यूनिवर्सिटी के अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। अब, सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में लेकर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, बोर्ड और अन्य निर्दिष्ट परीक्षाओं में कदाचार रोकथाम अधिनियम के तहत जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर से परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा के महत्व पर सवाल उठाया है।