बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर अपने बयानों के चलते अक्सर विवादों का हिस्सा बने हुए नजर आते हैं. जावेद अख्तर अपने काम के साथ-साथ अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन कई बार उनके बयान उन्हीं पर भारी भी पड़ जाते हैं. जावेद अख्तर ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान RSS की तालिबान से तुलना कर दी थी. जिसके चलते मुंबई की एक अदालत ने उन्हें नोटिस भेजा था. अब जावेद अख्तर ने कोर्ट के समन के खिलाफ अपील दायर की है.
दरअसल इस समन के मुताबिक जावेद अख्तर को 6 फरवरी को अदालत में हाजिर होना था. लेकिन 6 फरवरी से पहले ही जावेद अख्तर ने इस समन पर रोक लगाने की मांग की है. उन्हें यह नोटिस मुंबई की मुलुंड मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भेजा था. जावेद अख्तर के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है. जिसका संज्ञान लेते हुए उन्हें अदालत में हाजिर होने आदेश दिया गया था.
बता दें, जावेद अख्तर ने अपने एक पुराने इंटरव्यू के दौरान 3 सितंबर, 2021 को अफगानिस्तान में तालिबान के उदय पर पर अपनी राय पेश की थी. इस इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने तालिबान की तुलना आरएसएस से की थी. उन्होंने कहा था कि तालिबान बहुत बर्बर हैं, उनकी हरकतें बेहद निंदनीय हैं. हालांकि भारत में हिंदू परिषद , बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तालिबान के समान ही है. उनके इस बयान पर पूरे देश में विरोध किया गया था.
उनके इस बयान के बाद आरएसएस समर्थक होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जावेद अख्तर ने राजनीतिक फायदे के लिए अनावश्यक रूप से आरआरएस का नाम विवाद में घसीटा और इसे सुनियोजित तरीके से बदनाम किया. वहीं वकील संतोष दुबे का भी यही आरोप था कि जावेद अख्तर का कथित बयान आरएसएस को बदनाम करने की एक कोशिश है. सारे बहस और दस्तावेजों को देखने के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीके राउत ने जावेद अख्तर को इस प्रक्रिया में समन जारी किया था.