
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने कहा है कि देवनागरी लिपि में नाम के साथ साइनबोर्ड नहीं लगाने वाले दुकानों, होटलों और अन्य व्यवासायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ वह मंगलवार से कार्रवाई शुरू करेगी। बीएमसी ने अपने प्रत्येक 24 वार्डों में दुकानों और स्थापना विभाग के अधिकारियों की एक टीम बनाई है, जिन्हें ऐसी दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।
25 नवंबर तक देवनागरी बोर्ड लगाने का समय था
बीएमसी ने एक बयान में कहा कि उसके प्रशासक आईएस चहल ने एक बैठक की और अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा कि (अन्य लिपि के अलावा) देवनागरी में भी दुकानों, संस्थानों और होटलों के नाम होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर तक देवनागरी बोर्ड लगाने का समय दिया था, लेकिन बयान के अनुसार नगर निकाय 28 नवंबर से कार्रवाई शुरू करेगा।
मराठी साइनबोर्ड प्रदर्शित करना होगा
उल्लेखनीय है कि इससे पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार की ओर मार्च, 2022 ये फैसला लिया गया था कि प्रदेश की सभी दुकानों को देवनागरी लिपि में मराठी साइनबोर्ड प्रदर्शित करना होगा। अगर बोर्ड में एक अधिक भाषाओं में नाम प्रदर्शित किया जाता है, तो फॉन्ट अन्य लिपियों से छोटा नहीं होना चाहिए। वहीं दुकानदार संघ ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका से बोर्ड बनाने के लिए पर्याप्त समय देने की गुजारिश की थी। क्योंकि की दुकानों पर फैंसी साइनबोर्ड लगे हुए हैं। ऐसे में समस्या ये है कि इस तरह के साइनबोर्ड बनाने के लिए जल्दी से आर्टिस्ट नहीं मिलते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि फैंसी साइनबोर्ड की प्रक्रिया में समय लगता है। दुकानदार संघ की शिकायतें सुनने के बाद बीएमसी ने समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी थी।