
मुंबई। पशुओं के प्रति बढ़ती क्रूरता को लेकर एमएचबी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुधीर कुडालकर ने गंभीर चिंता जताई है। वर्सोवा में आयोजित एक पत्रकार परिषद में उन्होंने पशुओं के प्रति हिंसा को गैर जमानती अपराध बनाने की मांग की। उनका कहना है कि लावारिस कुत्तों और बिल्लियों को मारने के मामलों में आए दिन वृद्धि हो रही है, और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कुडालकर ने कहा कि वर्तमान में पशुओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई जमानती धारा 325 के तहत होती है, जिसके कारण आरोपियों को आसानी से जमानत मिल जाती है। यह स्थिति पशुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि इस अपराध को गैर जमानती बनाना चाहिए और जुर्माना राशि को कम से कम 25,000 रुपये निर्धारित किया जाना चाहिए, ताकि इन अपराधों पर अंकुश लग सके। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अपील की कि पशुओं के प्रति क्रूरता को गंभीरता से लिया जाए और इसे गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए। साथ ही, उन्होंने पशु प्रेमी संगठनों, कार्यकर्ताओं और NGOs से सरकार से इस मांग को लेकर एकजुट होने की अपील की। कुडालकर, जो ‘प्योर एनिमल लवर’ (पाल) फाउंडेशन के संस्थापक और संचालक भी हैं, ने कहा कि जब तक इस मुद्दे पर सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक पशुओं के खिलाफ क्रूरता की घटनाएं कम नहीं हो सकतीं।