
मुंबई। सरकार अगले दो-तीन वर्षों में राज्य की 25 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने के प्रयास में जुटी है। इसी दिशा में बीज उत्पादक कंपनियों से प्राकृतिक खेती के अनुकूल किस्मों का उत्पादन बढ़ाने की अपील की जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में एशियाई बीज सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, एशिया प्रशांत बीज संघ के अध्यक्ष श्री टेकवोंग, भारतीय राष्ट्रीय बीज संघ के अध्यक्ष डॉ.एम.प्रभाकर राव सहित कई देशी-विदेशी प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भारत का बीज बाजार दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में शामिल है- लगभग 7.8 बिलियन डॉलर का यह बाजार 2030 तक 19 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्राज़ील के बाद भारत विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा बीज बाजार है। उन्होंने बताया कि देश में इस्तेमाल होने वाले 95 प्रतिशत से अधिक बीज घरेलू उत्पादन से आते हैं, जो ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती देता है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए लचीली और जलवायु-प्रतिरोधी किस्मों की आवश्यकता बढ़ गई है। टिकाऊ कृषि के लिए रासायनिक आदानों का उपयोग घटाकर नई किस्मों और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है। बीज उद्योग में पारदर्शिता लाने के लिए अनिवार्य प्रमाणीकरण, डिजिटल ट्रेसेबिलिटी, ब्लॉकचेन तकनीक और नकली बीजों पर कड़े दंडात्मक कदम लागू किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार की कृषि नीति पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य ने देश की पहली ‘महा कृषि एआई नीति’ बनाई है और एआई आधारित कृषि योजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये की प्रारंभिक निधि निर्धारित की है। एग्री स्टैक, महावेध और क्रॉपसैप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से उपलब्ध विशाल कृषि डेटा कृषि को अधिक वैज्ञानिक और उत्पादक बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री राहीबाई पोपेरे द्वारा स्वदेशी किस्मों के संरक्षण की सराहना की और कहा कि कृषि का भविष्य तभी सुरक्षित होगा जब सरकार और बीज उद्योग मिलकर कार्य करेंगे।
अगले सत्र में लाया जाएगा नया बीज अधिनियम: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में घोषणा की कि घटिया और अनधिकृत बीजों की बिक्री पर नियंत्रण के लिए आगामी बजट सत्र में नया बीज अधिनियम लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में बागवानी फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उपलब्ध कराने हेतु तीन ‘स्वच्छ पौध केंद्र’ स्थापित किए जा रहे हैं। दलहन और तिलहन क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी कम होने पर चिंता जताते हुए उन्होंने बीज उद्योग से इस क्षेत्र में सक्रिय योगदान देने की अपील की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी बीज कंपनियों के लिए ‘साथी’ पोर्टल पर 100 प्रतिशत पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा, जिससे बीज उत्पादन और वितरण प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो सके। बदलते तापमान और जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप किस्मों के विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बीज उद्योग केवल मुनाफे का क्षेत्र नहीं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा की रीढ़ है।




