
मुंबई। बांद्रा किले में आयोजित एक शराब पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। शिवसेना (यूबीटी) नेता अखिल चित्रे ने यह वीडियो शेयर करते हुए राज्य सरकार के आबकारी विभाग और बीएमसी पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि १६ नवंबर की आधी रात को यह पार्टी आयोजित की गई, जिसका वीडियो स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया। चित्रे ने पूछा कि महाराष्ट्र के ऐतिहासिक किलों में आखिर हो क्या रहा है और सरकार ने ऐसे कार्यक्रम की अनुमति कैसे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुर्तगालियों, ब्रिटिश और मराठा शासन के इतिहास की गवाही देने वाले बांद्रा किले में शराब पार्टी की अनुमति देना राज्य सरकार की विफलता और भाजपा के ङ्खपाखंडी हिंदुत्वङ्ग का उदाहरण है। उन्होंने पूछा कि इस आयोजन का जिम्मेदार कौन है—क्या महाराष्ट्र पर्यटन विभाग इसका आयोजक है? साथ ही उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर यह शुरुआत है, तो आगे ऐसी पार्टियाँ महाराष्ट्र के अन्य किलों में भी आयोजित की जा सकती हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने स्थानीय विधायक और महाराष्ट्र के ‘सांस्कृतिक मंत्री’ आशीष शेलार पर भी सवाल खड़े किए। वही कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी इस घटना की निंदा करते हुए पूछा कि ऐतिहासिक स्मारक में शराब पार्टी आयोजित करने की अनुमति कैसे मिली। जब मीडिया ने इस वायरल वीडियो पर मुख्यमंत्री से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी वीडियो नहीं देखा है, लेकिन यदि किसी स्तर पर अनुमति दी गई है, तो कार्रवाई अवश्य की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा, ङ्खअगर ऐसी किसी पार्टी के लिए अनुमति दी गई है, तो कार्रवाई होगी।
बता दें कि बांद्रा किला, जिसे कास्टेला डी अगुआडा के नाम से जाना जाता है, १६४० में पुर्तगालियों द्वारा बनाया गया था। इसे माहिम खाड़ी, वर्ली और अरब सागर के तटीय हिस्सों पर नज़र रखने और समुद्री आक्रमणकारियों से मुंबई बंदरगाह की सुरक्षा के लिए रणनीतिक रूप से विकसित किया गया था। किले में उस समय तोपें और बंदूकें भी तैनात थीं। १७०० के दशक की शुरुआत में अंग्रेजों ने इसे नुकसान पहुँचाया ताकि मराठा इसे रणनीतिक उपयोग में न ला सकें, हालांकि १७३९ में मराठों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। बाद में १७७४ में अंग्रेजों ने इसे फिर से अपने अधीन कर लिया। २००३ में बांद्रा बैंडस्टैंड रेजिडेंट्स ट्रस्ट ने इसका जीर्णोद्धार करवाया, जिसके बाद यह स्थल पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हुआ और आज भी मुंबई के प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में शामिल है।




