सहायक आयुक्त श्रीमती क्षीरसागर मामले पर कब लेगी संज्ञान?
पत्रकार को जानकारी देने में आनाकानी कर रहा हैं दीपक जाधव
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में इकबाल सिंह चहल के नेतृत्व में कोरोना महामारी के दौरान करोड़ो रुपये के हुए भ्रष्टाचार की जांच शिंदे-फडणवीस सरकार कैग के माध्यम से तो करा रहीं है। लेकिन वार्डो में बैठे भ्रष्ट व रिश्वतखोर अभियंता बनावटी बिल के आधार पर हर साल बीएमसी को करोड़ों का चूना लगा रहे है। जिसमें ताजा मामला बीएमसी एच/पूर्व विभाग में ट्रेंच के नाम पर ५० लाख का बिल घोटालेबाज कंपनी स्पेको को जारी करने की बात सामने आ रहीं हैं। मजे की बात यह हैं कि बीएमसी एच/पूर्व विभाग में जगह-जगह रोड पर गड्ढे बने हुए और ज्यादातर रोड का निर्माण कार्य जारी हैं फिर भी परिरक्षण विभाग के सहायक अभियंता दीपक जाधव, अजय पाटिल व रोड़ अभियंता ने गड्ढे भरने के नाम पर बनावटी बिल के आधार पर करीब ५० लाख का बिल पास कर दिया है। वही जब पत्रकार ने इस बारे में सहायक अभियंता दीपक जाधव से जानकारी मांगी तो उन्होंने आरटीआई के तहत जानकारी मांगने को कहा। लेकिन जब दाल में कुछ काला हो तो आरटीआई का भी जवाब कहा से दे। बता दें कि १ फरवरी २०२३ को आरटीआई के तहत ट्रेंच (रोड पर बने गड्ढे भरने के संदर्भ में) जानकारी सहायक अभियंता दीपक जाधव से मांगी गई हैं। लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं सूत्रों का दावा है कि दीपक जाधव परिमंडल ३ के सह आयुक्त रंजीत ढाकने का करीबी हैं इसलिए इसको किसी का डर नहीं है। वार्डो में बीएमसी निधि में भी ठेकेदारों से मिलीभगत कर करोड़ों का चूना लगाने का काम भी किया गया। काम सिर्फ फ़ोटो और पेपर पर होता है। आखिर दीपक जाधव आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी देने में आनाकानी क्यों कर रहे हैं। क्या सहायक आयुक्त स्वप्नजा क्षीरसागर उक्त मामले पर संज्ञान लेते हुए ट्रेंच के नाम पर जारी बिल की जांच करेंगी?