
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट को मंगलवार को तीन नए जज मिले। इनमें वरिष्ठ वकील और बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता आरती अरुण साठे भी शामिल हैं। चीफ जस्टिस आलोक अराधे ने अधिवक्ता आरती साठे, अजीत कदेतनकर और सुशील घोडेस्वर को न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। आरती साठे ने अंग्रेजी में शपथ ली। इसके साथ ही हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है। आरती साठे की नियुक्ति पर पहले से ही राजनीतिक चर्चा और सवाल उठते रहे हैं। फरवरी 2023 से जनवरी 2024 तक वह महाराष्ट्र बीजेपी की प्रवक्ता रहीं। इसी आधार पर विपक्ष ने उनकी नियुक्ति की निष्पक्षता पर आपत्ति जताई थी। एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने न्यायपालिका की तटस्थता को लेकर चिंता जताई थी। हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि आरती साठे ने पार्टी से पहले ही इस्तीफा दे दिया था और उनकी नियुक्ति केवल योग्यता और अनुभव के आधार पर हुई है। बीजेपी प्रवक्ता नवनाथ बन ने साफ किया था कि न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होती है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने इसी महीने की शुरुआत में आरती साठे का नाम सुझाया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने 13 अगस्त को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। शपथ के बाद जस्टिस साठे को जस्टिस ए. एस. गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में शामिल किया गया।
कौन हैं जस्टिस आरती साठे?
आरती अरुण साठे पेशे से वरिष्ठ वकील हैं और टैक्स विवादों से जुड़े मामलों की विशेषज्ञ मानी जाती हैं। बीते दो दशकों से वह कानूनी प्रैक्टिस कर रही हैं और अपनी मेहनत से पेशेवर पहचान बनाई है। उनके पिता, वरिष्ठ वकील अरुण साठे भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बीजेपी से लंबे समय से जुड़े रहे हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं।