‘विशेषाधिकार उल्लंघन’ का प्रस्ताव लाने की मांग, ८ मार्च को फैसला
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत द्वारा विधानमंडल को कथित तौर पर ‘‘चोरमंडल’’ कहे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी राउत की इस टिप्पणी की निंदा की। ासंजय राउत के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन का प्रस्ताव लाने की मांग की गई। सत्ताधारी पार्टियों की इस मांग पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने दो दिनों में मामले की जांच कर ८ मार्च को फैसला करने का ऐलान किया। राउत के खिलाफ कार्रवाई की मांग बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर, आशिष शेलार और शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले ने की। विपक्ष के नेता अजित पवार और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी अस्वीकार्य है। पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) के सहयोगी हैं। थोराट ने कहा यह स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है कि वास्तव में उन्होंने (राउत ने) क्या कहा। फडणवीस ने कहा महाराष्ट्र विधानमंडल को देश का सर्वोत्तम विधानमंडल माना जाता है। अगर इसे चोर कहने का हक दिया गया तो विधानमंडल की कोई साख बाकी नहीं रह जाएगी। संजय राउत सिर्फ एक साधारण नेता नहीं हैं, राज्यसभा के सदस्य हैं। उच्च सदन के नेता ऐसा करेंगे तो हम इसे कैसे सहन करेंगे? अगर कार्रवाई नहीं हुई तो कल हजारों संजय राउत खड़े हो जाएंगे जो विधान मंडल को चोर मंडली कहने लगेंगे। अगर हमारी पार्टी का भी कोई नेता इस तरह के बयान देता तो हम विधानमंडल का अपमान सहन नहीं करते।
संजय राउत की सफाई सामने आई
संजय राउत आज कोल्हापुर के दौरे पर हैं। इस मुद्दे पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा मैं खुद उच्च सदन का सदस्य हूं। विधानमंडल हो या संसद, मैंने दोनों सदनों का आदर किया है। मेरी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। मैंने किस संदर्भ में कहा है, उसे समझे बिना एकतरफा कार्रवाई की गई तो यह लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लंघन होगा।