
याद होगा, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, अगर उनका वादा घोटाले और भ्रष्टाचार का है तो मेरा वादा भ्रष्टाचारियों पर वार का है। बेशक, सत्ता बड़ी बेरहम होती है। उसके पास पावर होता है मनी होती है। विपक्षियों को जेल में डालने, उन्हें भयभीत कर सत्ता के सुर में सुर मिलाने को बाध्य किया जा सकता है क्योंकि इसके पास तमाम जांच एजेंसियों की ताकत है जिसमें ईडी, सीबीआई और आईटी प्रमुख है जिनके बूते किसी भी विपक्षी नेता को धमकाकर, जेल में डालने का भय दिखाकर,छापे मरवाकर बड़ी आसानी से बीजेपी में शामिल कराया जा सकता है।असम के मुख्यमंत्री विश्व शर्मा जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप थे। जांच एजेंसियां सरकार का राजनैतिक हित साधने के लिए छापे डालती हैं।उनके बीजेपी में शामिल होते ही जांच रुक जाती है और उन्हें ईमानदार होने का तमगा दे देती है बीजेपी। इसी तरह पूर्वोत्तर में सबसे बड़ी भ्रष्ट पार्टी के साथ मिलकर सरकार बन जाती है। महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की जांच, जेल का डर दिखाकर अपनी सरकार बना लेती है बीजेपी और उन्हीं भ्रष्ट नेताओं को सीएम, डिप्टी सीएम और मंत्री बना देती है। यानी तेरा भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार और मेरा भ्रष्टाचार सदाचार बता देती है बीजेपी सरकार। हकीकत यह है कि ई डी ने जितने भ्रष्ट विपक्षी नेताओं को जेल नहीं भेजा उसके कई गुने को बीजेपी में शामिल करा देने का रिकार्ड कायम कर लिया। अब चूंकि सारे विपक्षी मिलकर इंडिया नामक एक दल बनाते हैं तो बीजेपी इनपर हमला करते हुए भ्रष्टाचारियों का एकजुट होना कहती है। बीजेपी सरकार यह नहीं बताती कि भ्रष्ट नेता जब बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो किस आधार पर उन्हें ईमानदारी का तमगा दे देती है। दूसरी बात यह कि 2014 चुनाव में मोदी वादा करते हैं विदेश में जमा कालाधन वे लाकर हर खातेदार के खाते में पंद्रह लाख रुपए डाल देंगे। क्या हुआ इस कालेधन का? क्यों नहीं लाया गया? स्विस सरकार द्वारा सरकार को कालाधन जमा करने वालों की चार बार सूची देती है लेकिन उनके नाम सार्वजनिक नहीं करती। जैसा कि लोकसभा में एक सांसद ने सरकार से सवाल किया कि किसान जब बैंक से लोन लेता है और किसी कारण जमा नहीं कर पाता तो बैंक उसका नाम न्यूजपेपर में प्रकाशित कराकर उसकी जमीन नीलाम कर दिया जाता है जबकि धन्नासेठों को तमाम बैंकों से कर्ज दिए जाते हैं हजारों करोड़ । क्यों सरकार यह दोगली नीति अपनाती है। ललित मोदी बैंकों का डिफाल्टर है। उसे सरकार ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है। ईडी या कोई दूसरी जांच संस्था उसे पकड़कर नहीं ला सकती लेकिन वही भगोड़ा मोदी के वकील की तीसरी शादी में शामिल होकर नाचता है तो बीजेपी सरकार, मोदी, ईडी, सीबीआई को क्यों नहीं दिखता? विजय माल्या ने बैंकों से हजारों करोड़ कर्ज लिया उसे भगा दिया गया। सरकार ने पहले रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया और फिर खत्म करा दिया।क्योंकि अंदर खाने उससे बीजेपी ने सौदा कर लिया। नोटबंदी के बाद दो वर्षों में ही स्विस बैंक में तीन सौ गुना कालाधन जमा होने की खबरें आई लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन संसद में बयान देती हैं कि वह कालाधन नहीं है। क्या सरकार बताना चाहेगी कि वह व्हाइट मनी किनकी है? निश्चित ही तीन सौ गुना राशि स्विस बैंक में जमा कराने वाले बीजेपी के होंगे। सरकार को अपना भ्रष्टाचार सदाचार लगता है क्यों कि निश्चित ही स्विस बैंक से चोरों की सूची मिलने के बाद सरकार ने उनसे सौदेबाजी की होगी और हजारों करोड़ लेकर स्विस बैंक में जमा कराए होंगे। परादर्शिता का ढोंग करने वाली बीजेपी सरकार के राफेल सौदे में दलाली की जांच सरकार ने खुद कराया था लेकिन मोदी के फ्रांस दौरे के समय ही वहां के जांच करने वाले मजिस्ट्रेट ने भारत सरकार से वह फाइल मांगी जो यहां दलाली की जांच के समय तैयार की गई थी। जिस जी 20 की बैठक को शानदार बनाने के लिए खुद बीजेपी सरकार ने 990 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी। उसे मोदी का चुनावी प्रचार बनाने के लिए दिल्ली की सड़कों पर हरे और सफेद परदे लगाकर इनपर और हर खंभों पर मोदी की फोटो लगाई गई। झुग्गी झोपड़ियां तोड़कर गरीबी मिटाने और ढांकने का तुगलकी फरमान जारी हुआ। मोदी के प्रचार पर 4100 करोड़ और मंडपम निर्माण के लिए 2700 करोड़ जनता के धन का कुल 6700 करोड़ नष्ट कर दिया गया। मंडपम जिसका उद्घाटन खुद पीएम मोदी ने किया था और केंद्रीय मंत्री गोयल ने बड़े फख्र से कहा था विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है मंडपम जो तनिक सी वर्षा से पानी भर गया और पानी निकालने के लिए कई पम्प लगाने पड़े। जबकि मौसम विज्ञानियों ने पूर्व घोषणा की थी कि दिल्ली एनसीआर में वर्षा होगी लेकिन घटिया निर्माण के लिए जनता का धन बहाने में लगे लोगों ने वैज्ञानिकों को नजर अंदाज करते हुए जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की। अब फजीहत झेल रही बीजेपी सरकार से तमाम पत्रकार और रिटायर्ड आईएएस अफसर सवाल पूछ रहे हैं कि जब मोदी सरकार ने जी 20 के लिए 990 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया था तो मोदी ने अपने चुनाव प्रचार किया जनता का 3100, + 2700 रुपए बरबाद क्यों किए? विश्वगुरू मोदी पत्रकारों से इतना डरते हैं कि नियम के बावजूद भी अमेरिकी राष्ट्रपति से वार्ता के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब राष्ट्रपति देते हैं लेकिन मोदी ने सारे देशी विदेशी पत्रकारों को मंडपम से ही बाहर भगा दिया। भले ही मोदी पत्रकारों से डरते हों लेकिन नियम और परंपरा का पालन करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने वियतनाम में जाकर पत्रकारों के सामने विश्वगुरू मोदी की धज्जियां ही उड़ा दी। उन्होंने कहा मोदी के साथ वार्ता में प्रेस की आजादी, मानवाधिकारों की रक्षा करने और सिविल सोसायटी में सबके साथ सम्मान करने की बातों पर चर्चा हुई। भले ही मोदी ने मेहमानों को सोने चांदी के बर्तनों में भोजन कराकर अपनी नौ सालों में भारत को धनवान बताने की कोशिश की हो लेकिन विश्व समुदाय जानता है कि भारत में 80 करोड़ गरीब जनता सरकार द्वारा भीख में दी जा रहे 05 किलो अनाज पर जीवन काट रहे। दूसरी बात गरीबी छुपाने के लिए भले ही झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी गई लेकिन जिन्हें तोड़ा नहीं जा सका था उनकी गरीबी छुपाने के लिए परदे से ढंक दिया गया था विदेशी मेहमान गरीबी ढांकने की इस कोशिश को बखूबी समझ गए। विश्वगुरू द्वारा सोने चांदी के बर्तनों में भले उन्हे खिलाया गया हो अमीरी की शेखी बघारने के लिए लेकिन उन्हें भारत की गरीबी भूखमरी बेरोजगारी और किसानों की आत्महत्या के अलावा केवल धनिकों के हित में सरकार के काम करने, उनके लाखों करोड़ कर्ज माफ करने, चिकित्सा विभाग की दयनीय दशा का पूरा ज्ञान है जो अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां हर वर्ष घोषित कर दुनिया को भारत की असली तस्वीर बताती रहती है।विदेशी यह भी जानते हैं कि भारत में दो करोड़ गरीब रात में अनखाए ही सोने को बाध्य हैं अपने पेट पर कपड़ा बांधकर ताकि भूख का अहसास न हो। विदेशियों को पता है कि गरीब जनता की जेब काटकर बीजेपी सरकार अपनी जेब भरती रहती है। देश की अधिसंख्य आबादी लाचार है भले ही। बीजेपी सरकार डेढ़ लाख करोड़ हर महीने जी एस टी वसूल रही हो लेकिन उसका लाभ जनता की जगह धनिकों को दे रही बीजेपी सरकार।उन्हें यह भी मालूम है कि भारत के धनी अरबपतियों की संपत्ति भले ही दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही हो लेकिन रोजगार के अवसर बेहद कम हुए हैं।उद्योगों में नौकरियां कम हुई हैं। रोजगार के अवसर घटे हैं। देश का अधिकांश शिक्षित बेरोजगार है जबकि केंद्रीय विभागों में एक करोड़ पद खाली हैं। भाजपा सरकार दिखावा करती है। मुस्लिम हिंदू,चीन पाकिस्तान का नाम लेकर दंगे कराती है जबकि बीजेपी नेताओं के बेटे बेटियां विदेशों में रहकर उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं।बीजेपी भले ही भारत इंडिया का झगड़ा कर रही हो लेकिन सच तो यह है कि वह खुद अंग्रेजों के साथ संबंध बनाती है।
बीजेपी मोदी और शाह जानते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे बुरी तरह हारने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव में अपने दोनो उपमुख्यमंत्री सारे मंत्रियों पन्ना प्रमुखों पुलिस और प्रशासन के साथ दौलत झोंक देने के बावजूद भी बीजेपी बुरी तरह हार चुकी है।यह तो श्री गणेश है भाजपा की हार का। उत्तराखंड में जिस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने सत्ताइस हजार वोटों से जीत दर्ज की थी वहां के उपचुनाव में सिर्फ 1200 वोटों की जीत बताती है कि बीजेपी का वोट प्रतिशत 18 प्रतिशत घटा है। सच तो यह है कि अभी इंडिया की जीत पर जनता को भरोसा नहीं रहा। घोसी यूपीए चूनाव में भारत की जीत जिसमें ब्राह्मण जिनके 90 प्रतिशत वोट बीजेपी को मिलते रहे हैं विचारशील लोगों, क्षत्रियों और दलितों ने मिलकर घोसी में इंडिया को जिताया। यहां से इंडिया की जीत के मार्ग खुल जाएंगे। बीजेपी ने हर वर्ग, हर जाति को छला है, ठगा है। अब लोकसभा चुनाव आ रहा है जिसमें जाति वर्ग मजहब से ऊपर उठकर जनता इंडिया की जीत पक्की करेगी। यह सत्य बीजेपी भी जानती है इसीलिए अब वह विपक्षी दलों की सरकारों और इंडिया के घटक नेताओं को जेल में डालने की तैयारी में है। लालू यादव के पूरे परिवार, तमिलनाडु के स्टालिन, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल, कर्नाटक, बंगाल सहित समूचे देश में विपक्षी नेताओं को जेल भेजने की तैयारी में बीजेपी सरकार ईडी, सीबीआई को पूरी ताकत के साथ झोंक देगी। इसी के साथ तमाम पूर्व आईएएस, आईपीएस सहित सभी ज्वाइंट सेक्रेटरी से ऊपर के ब्यूरोक्रेट्स के जिनकी संख्या 2014 से लेकर 2023 तक लगभग 600 से ऊपर है।उन्हें भयभीत करके बीजेपी के पक्ष में चुनाव में हार चंद कोशिश के लिए ईडी, सीबीआई का दबाव डालेगी। विपक्षी नेताओं सहित सभी 600 ब्यूरोक्रेट को जेल भेजने का डर दिखाकर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में काम करने का दबाव बनाएगी। यह बात बीजेपी अच्छी तरह जानती है कि जेल जाने वाले विपक्षी नेता और अधिक बड़े बनकर उभदेंगे। फिर भी ईडी और सीबीआई को अगले तीन या चार महीने सक्रिय रखेगी। दूसरी तरफ राहुल गांधी ने विदेश में घोषणा की है कि सरकार बदलते ही बीजेपी के भ्रष्टाचार पर सरकार हमला करेगी। उनके भ्रष्टाचार की पोल खोलाकर बीजेपी के पतन पर मुहर लगाएगी।- लेखक जितेंद्र पाण्डेय