यमुनानगर:(Yamunanagar) हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को जगाधऱी में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
इस मौके पर राज्य प्रधान धर्मेंद्र ढांडा ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा नीति 2020 के अनुसार गरीब जनता को शिक्षा से वंचित करने का षड्यंत्र रच रही है। शिक्षा मंत्री शिक्षा के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर, 2022 को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने जींद रैली में सरकार को 3 महीने का समय दिया था।
उन्होंने कहा कि सरकार अध्यापक संघ से वार्ता करके शिक्षा की बेहतरी के लिए कदम उठाए तथा शिक्षकों को शिक्षक रहने दिया जाए। अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने बंद किए जाएं तथा मर्जर के नाम पर बंद किए गए 4801 स्कूलों को दोबारा से सुचारू रूप से चालू किया जाए।
महासचिव प्रभु सिंह ने बताया कि अध्यापक संघ जगाधरी में 23 अप्रैल से शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र में क्रमिक अनशन पर बैठा है, जिसे शिक्षा मंत्री ने अभी तक गंभीरता से नहीं लिया। अब अध्यापक संघ मजबूर होकर शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के लोगों के बीच जाकर शिक्षा विरोधी नीतियों को उजागर कर रहा है। शिक्षा के मुद्दे को लोग बड़े ध्यान से सुन रहे हैं।
प्रधान व महासचिव ने संयुक्त बयान में शिक्षा मंत्री द्वारा बातचीत के माध्यम से सभी मामले सुलझाने का आग्रह किया। अगर शिक्षा मंत्री इस मुद्दे को नहीं सुलझा पाते हैं तो अध्यापक संघ मजबूरन बड़े आंदोलन के लिए भी मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेवारी पूर्णतया सरकार की होगी। इस मौके पर राज्य सचिव कंवरजीत सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।