
बीड। राज्य सरकार ने बीड जिले के युवाओं के लिए तकनीकी कौशल विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘सीआईआईआईटी’ (सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग) केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह केंद्र ‘टाटा टेक्नोलॉजी’ के सहयोग से 191 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इस निर्णय से जिले के औद्योगिक परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन की उम्मीद जताई जा रही है।
एमआईडीसी निदेशक मंडल द्वारा मिली मंजूरी
एमआईडीसी के निदेशक मंडल ने बीड औद्योगिक क्षेत्र के सुविधा क्रमांक 3 में 4,000 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराने तथा केंद्र की स्थापना के लिए आवश्यक निधि प्रदान करने का निर्णय लिया है। एमआईडीसी इस परियोजना के लिए योजना एजेंट के रूप में भी कार्य करेगा। इससे बीड के युवाओं को औद्योगिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस आधार मिलेगा।
‘टाटा टेक्नोलॉजी’ का समर्थन और आर्थिक ढांचा
‘टाटा टेक्नोलॉजी’ ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को पत्र भेजकर बीड में इस केंद्र की स्थापना के लिए अपनी सहमति दी है। कुल लागत 191 करोड़ में से 33 करोड़ रुपये (15 प्रतिशत) बीड जिला प्रशासन द्वारा वहन किए जाएंगे, जबकि शेष राशि ‘टाटा टेक्नोलॉजी’ और इसकी साझेदार कंपनियां एवं संस्थाएं वहन करेंगी। पहले तीन वर्षों तक प्रशिक्षण का पूरा खर्च टाटा टेक्नोलॉजी उठाएगी, इसके बाद जिला प्रशासन और कंपनी प्रत्येक वर्ष 50-50 प्रतिशत खर्च साझा करेंगे। इस अत्याधुनिक केंद्र में हर साल करीब 7,000 युवाओं को उद्योग 4.0 के अनुकूल तकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण मिलेगा। यह प्रशिक्षण युवाओं के कौशल को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाएगा, जिससे वे रोजगार के बेहतर अवसर पा सकेंगे या स्वरोजगार के लिए सक्षम बन सकेंगे। उद्योगों को भी प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध होंगे।
मॉडल योजना और राज्यव्यापी विस्तार
बीड के साथ-साथ गढ़चिरौली, रत्नागिरी और शिरडी जैसे स्थानों पर भी इसी प्रकार के सीआईआईआईटी केंद्र की स्थापना की जा रही है। गढ़चिरौली में पहले ही यह केंद्र चालू हो चुका है। रत्नागिरी में एमआईडीसी को योजना एजेंट नियुक्त किया गया है और शिरडी में भी निधि स्वीकृत कर दी गई है।
उपमुख्यमंत्री तथा बीड के पालकमंत्री अजीत पवार ने इस परियोजना को साकार करने के लिए विशेष रुचि ली और प्रशासनिक स्तर पर नियमित समीक्षा बैठकें कर तेज़ी से निर्णय लिए। उन्होंने 2 अप्रैल 2025 को बीड दौरे के दौरान इस परियोजना की औपचारिक घोषणा की थी। इस परियोजना से जिले में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनने की संभावना है। स्थानीय युवाओं को तकनीकी दक्षता और रोजगार की दिशा में नए द्वार खुलेंगे। नागरिकों ने पालकमंत्री अजीत पवार की निर्णायक और परिणामोन्मुखी नेतृत्व शैली की सराहना करते हुए इस निर्णय पर संतोष और उत्साह व्यक्त किया है।