Tuesday, October 14, 2025
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महाराष्ट्र ग्रीन स्टील मिशन में देश का नेतृत्व करेगा: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

फडणवीस ने किया IIFA 2025 इस्पात महाकुंभ का उद्घाटन

मुंबई। महाराष्ट्र न केवल पारंपरिक इस्पात उद्योग में बल्कि हरित इस्पात उत्पादन में भी देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन ग्रीन स्टील में महाराष्ट्र सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। वे मुंबई के गोरेगांव में आयोजित IIFA Steelex 2025 स्टील महाकुंभ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके पर केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी, उद्योग मंत्री डॉ. उदय सामंत, उद्योग सचिव डॉ.पी.अंबाल्गन, यूएनडीपी इंडिया प्रमुख डॉ.एंजेला लूसी, IIFA अध्यक्ष योगेश मंधानी, मानद महासचिव कमल अग्रवाल, और विभिन्न उद्योगपतियों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
महाराष्ट्र का ग्रीन एनर्जी रोडमैप
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2030 तक राज्य की 58 प्रतिशत ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होगी। 2026 तक किसानों को दी जाने वाली 16,000 मेगावाट बिजली पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित होगी। इसके चलते बिजली दरों पर दी जाने वाली सब्सिडी में कमी आएगी और उद्योगों के लिए बिजली दरें अगले पाँच वर्षों तक हर साल घटाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से प्रभावित रहा गढ़चिरौली अब “देश का नया इस्पात शहर” बनेगा। वहाँ पहले ही 80,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है और माओवाद लगभग समाप्त हो चुका है। फडणवीस ने गढ़चिरौली में 5 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य बताया, जिनमें से 40 लाख लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महाराष्ट्र हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, गैस मूल्य श्रृंखला और बैटरी स्टोरेज में भी अग्रणी है। उन्होंने बताया कि राज्य ने 75,000 मेगावाट पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के लिए समझौते किए हैं, जिनमें से दो साल में 7,000 मेगावाट उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे 24/7 हरित ऊर्जा उपलब्ध होगी और राष्ट्रीय ग्रिड स्थिर करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का संबोधन
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन केवल 2.44 गीगावाट था, जबकि आज यह लगभग 30 गीगावाट तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखता है, जिसमें से 5 करोड़ टन हरित इस्पात का निर्यात किया जाएगा। दुनिया की कार्बन टैक्स नीतियों के चलते हरित इस्पात अब अनिवार्य हो चुका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह केवल आर्थिक परिवर्तन नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को सुरक्षित रखने का राष्ट्रीय कर्तव्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस की गढ़चिरौली और मुंबई दोनों में बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित नीतियों की प्रशंसा की।
उद्योग मंत्री डॉ. उदय सामंत का बयान
उद्योग मंत्री डॉ. उदय सामंत ने कहा कि गढ़चिरौली का इस्पात उद्योग नक्सलियों से बंदूक छीनकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने गढ़चिरौली और चंद्रपुर में एमआईडीसी परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध कराने की समस्याएँ हल कर दी हैं। आवश्यकतानुसार भूमि अधिग्रहण किया जाएगा ताकि इस्पात उद्योग के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो सके।

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