
पूर्व मंत्री द्वारा नियमों की अनदेखी कर चलाया जा रहा था विभाग
क्या अब एफडीए मंत्री धर्मरावबाबा अत्राम लायेंगे सुधार?
मुंबई। महाराष्ट्र अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) के अधिकारियों में आज खुशी का माहौल देखने को मिला। ये खुशी संजय राठौड़ का मंत्री पद जाने को लेकर थी, जो एफडीए मंत्री थे। उनकी जगह पर धर्मरावबाबा अत्राम को एफडीए मंत्री बनाया गया है। और उन्हें मृद व जलसंधारण मंत्री का पद दिया गया है। बता दे कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने मंत्री मंडल में संजय राठौड़ को एफडीए मंत्री का दिया गया। वहीं जब से राठौड़ एफडीए मंत्री बने तभी से एफडीए मंत्री कार्यालय में बैठे अधिकारियो व ओएसडी द्वारा एफडीए अधिकारियों व व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है। यहीं नहीं मेडिकल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत भी की थी। मंत्री के एक आदेश की वजह से एफ़डीए से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों के पद तीन महीने से खाली पड़ा हैं। जबकि एफडीए मुख्यालय द्वारा एफडीए मंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी भेजी गई, लेकिन किसी अन्य अधिकारी को अतिरिक्त चार्ज नहीं दिया गया। यहीं नहीं एफ़डीए मंत्री कार्यालय में बैठे अधिकारी अतिरिक्त कार्यभार के शासन द्वारा जारी जीआर दिनांक 5 सितंबर 2018 का उल्लंघन करते हुए सीनियर सह आयुक्त को पुणे मंडल अन्न विभाग का अतिरिक्त कार्यभार न देते हुए सबसे जूनियर सह आयुक्त को दिया गया। यह कहना गलत नहीं होगा कि एफडीए विभाग को एफडीए आयुक्त नहीं बल्कि एफडीए मंत्री कार्यालय में बैठे ओएसडी चला रहे थे और अधिकारियों का मानसिक शोषण किया जा रहा था। जिससे अधिकारी वर्ग परेशान था। जिन्हें अब राहत मिली हैं और एफडीए अधिकारियों के चेहरे पर खुशी साफ देखने को मिल रहें। हालांकि संजय राठौड़ का मंत्री पद जाने के पीछे कई वजह है। अक्सर वे विपक्ष के निशाने भी रहते थे। अब देखना यह होगा कि क्या नए एफडीए मंत्री धर्मरावबाबा अत्राम पूर्व मंत्री द्वारा किये गए मनमानी कार्यो को सुधार कर नियमों के तहत विभाग को संचालित करेंगे।