
मुंबई। ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री जयकुमार गोरे ने सोमवार को बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को स्थायी बाजार देने के लिए ‘उमेद मॉल’ (जिला विक्रय केंद्र) स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस पहल से महिला समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। पहले चरण में 10 जिलों में ‘उमेद मॉल’ स्थापित किए जाएँगे, जिसके लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। ये मॉल ‘उमेद’ – महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका उत्थान मिशन’ के तहत संचालित होंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों खासकर महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए कार्यरत है। इन मॉल्स में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार हस्तशिल्प, खाद्य उत्पाद, वस्त्र आदि की प्रत्यक्ष बिक्री होगी, जिससे उत्पादकों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और मुनाफा सीधे उनके पास पहुँचेगा। मंत्री गोरे ने बताया कि इन मॉल्स में प्रशिक्षण केंद्र भी होंगे जो स्थानीय स्तर पर कौशल विकास और रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगे। राज्य सरकार की यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “वोकल फॉर लोकल” पहल को बढ़ावा देगी। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘उमेद मार्ट’ और प्रदर्शनियों के माध्यम से इन उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया जाएगा। मंत्री गोरे ने आश्वस्त किया कि इस निर्णय से ग्रामीण महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार होगा। पहले चरण में किन जिलों में उमेद मॉल स्थापित किए जाएँगे, इसकी घोषणा जल्द की जाएगी।