मुंबई। महाराष्ट्र के रत्नागिरी के बारसू में एक रिफाइनरी प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। मंगलवार को कुछ महिलाओं ने इस प्रोजेक्ट के सर्वे किए जाने का विरोध करना शुरू किया। पुलिस उन्हें गाड़ी में बैठा कर ले गई। इस पर संजय राउत ने कहा कि रिफाइनरी प्रोजेक्ट का समर्थन करने के लिए लोगों को धमकाया जा रहा है। जालियांवाला बाग जैसे हालात हैं। इस पर एकनाथ शिंदे गुट के नेता और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मीडिया के सामने पीएम नरेंद्र मोदी को उद्धव ठाकरे का लिखा पत्र दिखाया। उदय सामंत ने १२ जनवरी २०२२ को पीएम मोदी को लिखा उद्धव ठाकरे का पत्र दिखाते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को खुद बारसू में रिफाइनरी प्रोजेक्ट लाने का सुझाव दिया था। उद्धव ठाकरे ने पत्र में लिखा था कि बारसू में १३०० एकड़ की जमीन का इस्तेमाल रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए किया जा सकता है। आस-पास के ९०० एकड़ की जमीन बंजर है। वहां झाड़ी भी नहीं उगती है। इसलिए लोगों के विस्थापन की भी समस्या नहीं आएगी। इससे पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। महाराष्ट्र की जीडीपी भी ८ फीसदी से ज्यादा की दर से बढ़ेगी। आज राजनीति के लिए उद्धव ठाकरे गुट इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा है।
ठाकरे गुट में कायम है अंतर्विरोध, कल समर्थन आज विरोध
उदय सामंत ने कहा कि ठाकरे गुट के स्थानीय नेताओं में ही एकमत नहीं है। राजन साल्वी प्रोजेक्ट का समर्थन कर रहे हैं तो भास्कर जाधव विरोध। संजय राउत ने तो यहां के विरोध आंदोलन की तुलना जालियांवाला बाग से ही कर दी. विरोध मुट्ठी भर लोगों का है। उन्हें भी समझा लिया गया है। ज्यादातर स्थानीय लोग समर्थन कर रहे हैं।
‘उद्धव ठाकरे की मांग पर नाणार प्रोजेक्ट रद्द किया गया, अब बारसू का विरोध’
उदय सामंत ने कहा कि उद्धव ठाकरे के कहने पर ही नाणार में जो प्रोजेक्ट आने वाला था, उसे रद्द किया गया। अब यह प्रोजेक्ट बारसू में लाया जा रहा है और उनके ही सुझाव पर इस जगह को चुना गया है, फिर भी इस प्रोजेक्ट का विरोध करने के लिए मुट्ठी भर लोगों को भड़काने का काम शुरू है। उद्धव ठाकरे तो यह भी नहीं चाहते थे कि समृद्धि महामार्ग बने। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान इसमें रुकावटें डालने की पूरी तैयारी की थी। लेकिन एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की पहल से काम शुरू रहा और आज समृद्धि हाइवे तैयार हुआ जो महाराष्ट्र को एक नेक्स्ट लेवल का राज्य बनाने के काम आ रहा है।