
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना के दोनों गुटों का झगड़ा एक दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अयोग्यता के मामले में अपना जवाब सौंप दिया है। लेकिन, उनके लंबे-चौड़े उत्तर से पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट का माथा ठनक गया है। दरअसल, सीएम शिंदे कैंप के विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को जो जवाब सौंपा है, वह 6,000 पन्नों में है। इसको लेकर उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि अयोग्यता मामले की सुनवाई में और देरी के लिए यह शिंदे गुट की एक नई चाल है।
6,000 पन्नों के जवाब से हिला उद्धव गुट!
पिछले साल जून में जब शिवसेना टूटी थी तो उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पार्टी के 16 एमएलए के खिलाफ अयोग्यता का मामला दर्ज किया गया था। अब इनके गुट के नेता संजय राउत का कहना है, ‘वक्त को रोकने की ताकत अभी भी उनमें नहीं आई है…. देश में कानून है, न्यायपालिका है, स्पीकर के पद पर बैठे व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि वह कानून का रखवाला है। इस देश में अगर आप अंबेडकर के संविधान का पालन नहीं करेंगे तो लोग उन्हें बाहर फेंक देंगे।
‘हमने कोई कहानी या फिल्मी कहानी नहीं लिखी है’
शिवसेना प्रवक्ता और शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट इन आरोपों का खंडन किया है कि 6,000 पेज का जवाब अयोग्यता प्रक्रिया को देर करने की चाल है। उन्होंने कहा, ‘हमने कोई कहानी या फिल्मी कहानी नहीं लिखी है…..हमने सिर्फ तथ्यात्मक परिस्थितियां बताई हैं और अपना पक्ष रखा है।
हम प्रावधानों के मुताबिक आगे बढ़ेंगे- स्पीकर
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नारवेकर ने कहा है कि वह जवाब को लेकर मीडिया से चर्चा नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘अयोग्यता के मसले पर फैसला लेते समय स्पीकर एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकारी होता है। मैं इसपर अब कोई चर्चा नहीं करूंगा और हम प्रावधानों के मुताबिक आगे बढ़ेंगे।’ जल्द फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है उद्धव गुट इससे पहले स्पीकर ने शिवसेना के 16 एमएलए को 7 जुलाई, 2023 तक जबाद देने के लिए नोटिस दिया था। तब उन्हें इसके लिए सिर्फ सात दिनों का वक्त दिया गया था। लेकिन, बाद में 16 विधायकों ने स्पीकर से जवाब देने के लिए और समय मांग लिया। जहां तक उद्धव गुट का सवाल है तो वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगा चुका है कि वह स्पीकर को 15 दिनों के अंदर अयोग्यता पर फैसला सुनाने का आदेश जारी करे।