
मुंबई। भारतीय न्याय संहिता के नए ‘हिट एंड रन’ कानून के विरोध में देशभर में ट्रक और टैंकर चालक हड़ताल पर है। इस हड़ताल का असर मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में दिख रहा है। राज्य में कई जगहों पर पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल भराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। तेल की कमी होने के डर से शहर के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर वाहन चालकों की भीड़ बढ़ गयी है। इस बीच, टैंकरों के हड़ताल के चलते मुंबई में आज दूध सप्लाई प्रभावित हुई। उधर, राज्य सरकार ने जिला प्रशासन और पुलिस को उचित कदम उठाने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर, टैंकर और बस चालक सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। इस वजह से तेल के टैंकर पेट्रोल पंपों तक नहीं पहुंच रहे है। महाराष्ट्र के कई हिस्से सोमवार शाम से पेट्रोल और डीजल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। जबकि कुछ स्थानों पर यह खत्म हो गया है। नागपुर, नांदेड, जालना, छत्रपति संभाजीनगर और नंदूरबार में पेट्रोल पंप पर सुबह से ही भारी भीड़ देखी गई।
मुंबई में दूध की किल्लत!
उधर, इस आंदोलन के दूसरे दिन दूध टैंकर की आवाजाही बाधित होने से मुंबई में दूध की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। हड़ताल के चलते दूध ले जाने वाले हजारों ट्रक विभिन्न सड़कों पर फंस गए और शहर तक नहीं पहुंच सके।
मुंबई मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एमएमपीए) के मुताबिक, महाराष्ट्र के भीतरी इलाकों से दूध ले जाने वाले अधिकांश ट्रकों को रोक दिया गया। मुंबई में दूध की सप्लाई कोल्हापुर, सांगली, नासिक, सतारा जैसे जिलों से प्रतिदिन इंसुलेटेड टैंकरों से होती है। फिर शहर में मिनी-टैंकरों से भेजा जाता है।
राहत की बात यह है कि मुंबई में चार लाख लीटर से ज्यादा ताजा भैंस के दूध की खपत होती है, जो शहर के करीब स्थित इलाकों से आता है। इसलिए इसकी आपूर्ति अभी तक प्रभावित नहीं हुई है।
मुंबई को हर दिन लगभग 50-60 लाख लीटर दूध की आवश्यकता होती है, जिसमें से 60 प्रतिशत गाय का दूध और बाकी भैंस का दूध होता है। लेकिन हड़ताल से हजारों ट्रक बीच रास्ते में फंस गए हैं। जिसका दूध खराब होने का डर है।
एक्शन में राज्य सरकार
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को एक निर्देश जारी किया गया है। सरकार ने नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिए तत्काल उपाय करने का निर्देश दिया है। साथ ही तेल कंपनियों को आवश्यक सहयोग देने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि हड़ताल में शामिल ट्रांसपोर्टर के विरोध के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न न हो।
क्यों हो रही हड़ताल?
नए मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। पुराने कानून में इसके लिए दो साल जेल का प्रावधान था।
भारत में 28 लाख से अधिक ट्रक ड्राइवर 100 अरब किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। इन ट्रकों से 50 लाख से ज्यादा लोगों का सीधे रोजगार जुड़ा हैं। देशभर में ट्रकों से होने वाली सड़क दुर्घटनाएं की संख्या बहुत अधिक हैं। इसीलिए सरकार नया कानून लेकर आई है।