Friday, November 22, 2024
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शरद पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी में खलबली, रो पड़े एनसीपी कार्यकर्ता व नेता

मुंबई। एनसीपी नेता शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। पवार ने आज मंगलवार को अपनी आत्मकथा का विमोचन करने के बाद यह घोषणा की। शरद पवार ने इस दौरान कहा कि मैंने एनसीपी के अध्यक्ष पद को छोड़ने का फैसला ने चौंका दिया। पवार ने यहां यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण का विमोचन करने के अवसर पर 1999 में स्वयं स्थापित अपनी पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया जिस पर विरोध जताते हुए राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे फैसले को वापस लेने की मांग की। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र चव्हाण अपने वरिष्ठ नेता की घोषणा के बाद रो पड़े, वहीं पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर पवार से उनका फैसला वापस लेने की विनती की। पटेल ने कहा कि पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को विश्वास में नहीं लिया। पवार ने कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा एक मई, 1960 को शुरू हुई थी और पिछले 63 वर्ष से अनवरत जारी है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में उन्होंने विभिन्न ओहदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा की है। उन्होंने कहा मेरी राज्यसभा की सदस्यता का तीन वर्ष का कार्यकाल शेष है। इस दौरान मैं बिना किसी पद के महाराष्ट्र और देश के मुद्दों पर ध्यान दूंगा। एक मई 1960 से एक मई, 2023 की लंबी अवधि में एक कदम पीछे लेना जरूरी है। इसलिए, मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। वरिष्ठ पार्टी नेता अजित पवार ने कहा कि शरद पवार अपने इस्तीफे पर पार्टी की समिति के निर्णय को मानेंगे। शरद पवार ने उनके इस्तीफे का विरोध कर रहे भावुक कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘मैं आपके साथ हूं, लेकिन राकांपा अध्यक्ष के रूप में नहीं।’’ पवार ने यह ऐलान ऐसे समय में किया है जब उन्हें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न विचारधारा वाले विपक्षी दलों को साथ लाने में अहम भूमिका निभाने वाला माना जा रहा है। पवार ने कहा कि वह शिक्षा, कृषि, सहकारिता, खेल और संस्कृति के क्षेत्र में बहुत काम करना चाहते हैं और युवाओं, छात्रों, कार्यकर्ताओं, दलितों, आदिवासियों एवं समाज के अन्य कमजोर वर्गों के मुद्दों पर ध्यान देना चाहते हैं। पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद खाली होने पर इसके लिए चुनाव का फैसला करने के लिए राकांपा नेताओं की एक समिति बनाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होने चाहिए जिनमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, के के शर्मा, पी सी चाको, अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अव्हाड, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे और जयदेव गायकवाड़ हैं।

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