
नई दिल्ली। एक ओर संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष लगातार आक्रामक है तो वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से दोनों ही सदनों में कामकाज की कोशिश की गई है। शीतकालीन सत्र समाप्त होने में कुछ दिनों का वक्त बचा है। ऐसे में सरकार की ओर से कोशिश है कि तमाम बड़े बिलों को पास करा लिया जाए। आज भी दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों का शोर शराबा जारी रहा। लोकसभा से आज भी दो सांसदों को निलंबित किया गया। इन सब के बीच तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल को लोकसभा में पास कर लिया गया। लोकसभा ने दूरसंचार विधेयक, २०२३ को पारित किया। आज दोनों सदनों में क्या कुछ हुआ है, यह हम आपको बताते हैं।
लोकसभा की कार्यवाही
लोकसभा ने औपिनवेशिक काल से चले आ रहे तीन आपराधिक कानूनों के स्थान पर सरकार द्वारा लगाए गए विधेयकों को बुधवार को मंजूरी दे दी। सदन ने लंबी चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के विस्तृत जवाब के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, २०२३, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, २०२३ और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, २०२३ को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी। ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), १८६०, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),१८९८ और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ के स्थान पर लाये गए हैं। विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाये गए हैं। सीआरपीसी में पहले ४८४ धाराएं थीं, अब इसमें ५३१ धाराएं होंगी। १७७ धाराओं में बदलाव किए गए हैं और ९ नई धाराएं जोड़ी गई हैं. ३९ नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं. ४४ नए प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। सरकार ने बुधवार को लोकसभा को सूचित किया कि केंद्र सरकार के संस्थानों में सभी रिक्त पदों को मिशन मोड में भरा जा रहा है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर बुधवार को दो और विपक्षी सदस्यों सी. थॉमस और ए.एम. आरिफ को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सदन की अवमानना के मामले में अब तक कुल ९७ लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है। इससे पहले गत सप्ताह गुरुवार को १३ सदस्यों, सोमवार को ३३ तथा मंगलवार को ४९ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।
सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास में कुछ राज्य सरकारें बिल्कुल रूचि नहीं ले रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार डिजाइन आदि को लेकर ऐसे उपाय कर रही है, जिसके कारण राज्य सरकारों की उदासीनता के बावजूद स्टेशनों का पुनर्विकास अवरुद्ध नहीं होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
राज्यसभा की कार्यवाही
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि कोई कितनी भी उनकी बेइज्जती कर ले, उसे वह ‘खून के घूंट पी कर’ सहन कर लेते हैं लेकिन वह कभी यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाए। सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सहारा समूह के तीन करोड़ निवेशकों ने कंपनी की सहकारी समितियों में फंसे ८०,००० करोड़ रुपये वापस लेने की मांग की है और सहारा समूह से अधिक धनराशि पाने के लिए वह फिर से उच्चतम न्यायालय जाएगी। सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सिलक्यारा-बारकोट सुरंग का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार को इससे संबंधित प्रस्तुत की गई भू- वैज्ञानिक रिपोर्ट में चट्टान का वर्गीकरण खराब से लेकर उचित तक किया गया था।
लोकसभा में क्या कहा?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान और संसद परिसर में कुछ सांसदों द्वारा ‘अशोभनीय आचरण’ करते हुए उनका मजाक उड़ाए जाने की घटना पर विपक्षी दलों के रुख के खिलाफ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में खड़े होकर प्रश्नकाल की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इस दौरान, भाजपा के सहयोगी दलों के सदस्यों के अलावा बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ मनोनीत सदस्यों ने भी खड़े होकर सदन की कार्यवाही में भाग लिया। सरकार ने बुधवार को कहा कि गैर-संस्थागत देखभाल के दायरे में लाए गए बच्चों की संख्या पिछले कुछ वर्षों के दौरान बढ़ी है और२०१९-२० में ऐसे बच्चों की संख्या २६,०८४ थी जो २०२२-२३ में बढ़ कर ६२,६७५ हो गई। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोद लेने के नियमन अधिसूचित किए जाने के बाद, गोद लेने संबंधी लंबित आदेश की संख्या ९९७ से घटकर १०६ हो गई है।