मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक महिला ने अपने रिस्तों के साथ ही धोखा कर दिया। धोखा भी छोटा-मोटा नहीं हैं, बल्कि पूरा 100 करोड़ रुपये का है। जांच में सामने आया है कि महिला ने अपने चचेरे भाई-बहनों की मुंबई की प्राइम लोकेशन पर मौजूद बेशकीमती जमीन को चोरी छिपे एक डेवलपर को बेच दिया। मामला सामने आने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक आरोपी महिला ने पहले भी इस संयुक्त संपत्ति को किसी डेवलपर को बेचने का प्रयास किया था, लेकिन तब सौदा विफल हो गया था। यह प्रॉपर्टी मध्य मुंबई में है जहां प्रॉपर्टी की कीमत काफी ज्यादा है। इस संपत्ति में तीन किराए वाली इमारतें हैं। आरोपी महिला को मैसूर के होटल से गिरफ्तार किया गया।
जानें क्या है पूरा मामला?
पूरे मामले में शिकायकर्ता मो. अयाज़ जाफर कपाड़िया ने मुंबई के एन.एम.जोशी मार्ग थाना में केस रजिस्टर्ड करवाया था। जहां आईपीसी की धारा 420, 423, 465, 467, 468, 471, 120 (बी) के तहत दर्ज केस किया गया। केस के मुताबिक अब्दुल रहीम लतीफ कपाड़िया, अमीना उस्मान दादा, आबिदा जाफर इस्माइल, मलिक लतीफ कपाड़िया, और अब्दुल अजीज लतीफ कपाड़िया को आरोपी बनाया गया है।
चचेरे भाइयों को दिया गया धोखा
जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता और आरोपी रिश्ते में चचेरे भाई-बहन हैं। ऐसा बताया जाता है दोनों पक्षों के पिता सगे भाई थे। उनकी करोड़ों की अचल संपत्ति थी लेकिन उन्होंने उसका वसीयतमाना नहीं बनाया था। बाद में उनका निधन हो गया। दोनों भाइयों के निधन के बाद शिकायतकर्ता और आरोपी नियम के मुताबिक उस प्रॉपर्टी में पचास-पचास फीसदी के हिस्सेदार बन गए। लेकिन जब शिकायतकर्ता पक्ष को पता चला कि बिना बंटवारे के आरोपियों ने संपत्ति को एक डेवलपर के हाथों बेच दिया तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। उन्होंने थाने में केस दर्ज करवाया। जिसके बाद महिला की गिरफ्तारी हुई।
मुंबई में कहां है यह प्रॉपर्टी
करीब 2 एकड़ में फैली यह जगह लोअर परेल में है, जोकि सेंट्रल मुंबई के प्राइम लोकेशन पर स्थित है। पूरा इलाका अब एक बिजनेस हब में बदल गया है। यहां तीन इमारतें हैं। जिनमें किरायेदार रहते रहे हैं। पुलिस के मुताबिक मामले में शिकायतकर्ता आबिदा का चचेरा भाई अयाज कपाड़िया है। अयाज ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है उन्हें धोखा दिया गया। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अमीना और उसके दो भाइयों, रहीम और मलिक को पैसे की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने डेवलपर के साथ गुप्त रूप से एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की साजिश रची।