मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर को शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से दायर याचिकाओं पर फैसला करने के लिए एक वास्तविक समय-सीमा बताने का अंतिम अवसर दिया। पार्टी में टूट के बाद, ये याचिकाएं एक-दूसरे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे नीत गुटों की ओर से दायर की गई थीं।अदालत ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं का शीघ्रता से निर्णय करना होगा। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि वह दशहरा की छुट्टियों के दौरान स्पीकर से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करेंगे। अदालत ने विषय की सुनवाई 30 अक्टूबर के लिए निर्धारित करते हुए कहा, हम ज्यादा समय लिए जाने से खुश नहीं है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि दशहरा की छुट्टियों के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बातचीत करेंगे, ताकि एक निश्चित तौर-तरीकों का संकेत दे सकें। पीठ में जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। अदालत ने पूर्व में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विश्वस्त कई विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला करने में देरी को लेकर स्पीकर के प्रति नाखुशी जताते हुए कहा था कि वह (स्पीकर) शीर्ष अदालत के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते हैं। इसी तरह की अयोग्यता याचिकाएं शिंदे गुट ने भी ठाकरे के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों के खिलाफ दायर की हैं। शीर्ष अदालत ने 18 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष को याचिकाओं पर निर्णय के लिए समय सीमा बताने का निर्देश दिया था।