
लुधियाना। पंजाब सरकार ने राज्य में 112 दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इन दवाओं को घटिया या खराब गुणवत्ता वाली घोषित किया था। स्वास्थ्य विभाग ने इन प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करते हुए उनका नाम, निर्माण कंपनी और इस्तेमाल की जानकारी साझा की है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि ये दवाइयां CDSCO के गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं। उन्होंने डॉक्टरों और आम जनता को इन दवाओं के इस्तेमाल से बचने और जागरूक रहने की अपील की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी को भी लोगों के स्वास्थ्य के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन दवाओं का इस्तेमाल हृदय, कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, संक्रमण, दर्द, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों में किया जाता है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि किसी भी दवा की दुकान पर इन दवाओं की बिक्री होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। सितंबर 2025 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश भर की केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं में 52 दवाइयां केंद्रीय स्तर पर और 60 दवाइयां राज्य स्तर पर मानकों पर खरी नहीं उतरीं। पंजाब में 11 दवाओं के नमूने असफल पाए गए। संबंधित दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया गया है और इन दवाओं के बैचों को बाजार से हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार ने 8 दवाओं पर रोक लगाई थी, जिनमें कोल्ड्रिफ कफ सिरप भी शामिल था, जिसके कारण मध्य प्रदेश में 20 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी।




